इलेक्शन में उलझे कर्मचारी
भोपाल।
राजधानी में नगर निगम के कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी का मसला हल नहीं होने के कारण अभी तक शहर में नालों और नालियों की सफाई का अभियान युद्ध स्तर पर शुरू नहीं हो पाया है। जबकि निगम के पास अप्रैल और मई दो महीने ही होते हैं, जिनमें वह शहर के नालों से लेकर नालियों की सफाई करवाता है ताकि बारिश का पानी कहीं भरे नहीं। हर साल अपने प्री-मानसून सफाई अभियान के तहत, नगर निगम शहर के छोटे और बड़े नालों की सफाई के लिये योजनाबद्ध तरीके से काम करता आ रहा है लेकिन इस बार इसकी अभी तक शुरूआत ही नहीं हो पायी है।
क्या स्थिति है …
राजधानी में नालियों और नालों की सफाई का जिम्मा जोनल अधिकारी, वार्ड प्रभारी और एएचओ के तालमेल से किया जाता है। इस बार जोनल अधिकारियों और वार्ड प्रभारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है और उनकी ट्रेनिंग का पहला दौर भी शुरू हो चुका है। दूसरा दौर चार अप्रैल को है। ऐसे में अगर वह चुनावी प्रक्रिया में इन्वाल्व होंगे तो सफाई का काम काफी हद तक प्रभावित होगा। निगम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नालों की सफाई काअभियान जल्द ही शुरू होगा। इसके पहले चरण में निगम कमिश्नर हरेन्द्र नारायण ने खुद ही शहर का औचक निरीक्षण कर वहां की सफाई व्यवस्था का जायजा लेना शुरू कर दिया है।
क्या-क्या होता है…
शहर के सभी 19 जोन में नालों और नालियों की स्थिति का मैप बनाया जाता है और वहां की स्थिति को चित्रित किया जाता है। राजधानी की निचली बस्तियों के पास बने छोटे और बड़े नालों में सफाईके लिये मशीनरी और वाहन तैनात कर इसको प्रारंभ किया जाता है। जोन स्तर पर नालों की सफाई जारी है। प्रक्रिया को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए जेसीबी और पोकलिन मशीनों को तैनात करके बड़े नालों की सफाई शुरू कर दी जाती है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ अभी नहीं हुआ है।
कहां- कहां हैं दिक्कतें
राजीव नगर, चाणक्यपुरी, प्रभात चौराहा, पारुल अस्पताल, ई-7 अरेरा कॉलोनी, वार्ड 34 कोल्लीपुरा, जहांगीराबाद, अनेकांत नगर, अन्ना नगर, संतोषी माता का मंदिर ऐशबाग, बिस्मिल्ला कॉलोनी, महामाई का बाग, धोबीघाट, सेमरा, छोला, भोपाल टॉकीज के पास ग्रांट होटल का नाला, अल्पना टॉकीज का नाला, सुभाष नगर का नाला समेत अन्य जगहों पर सफाई नहीं होने के कारण बारिश का पानी अक्सर बह कर सड़कों पर आ जाता है। यदि बारिश में नालों की सफाइ्र नहीं होती तो बरसात में जलभराव की आशंका है।