राजनीति

जलगांव सीट से सांसद उन्मेष पाटिल को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया, उद्धव ठाकरे के साथ गए

नई दिल्ली
भाजपा को अनुशासित पार्टी के तौर पर देखा जाता है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद भी वरुण गांधी, संतोष गंगवार और वीके सिंह जैसी नामी नेता चुप हैं और पार्टी के फैसले के सम्मान की बात कर रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र भाजपा में पहली बगावत देखी गई है। जलगांव सीट से सांसद उन्मेष पाटिल को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है और अब वह उद्धव ठाकरे की शिवसेना में चले गए हैं। बुधवार को उन्होंने उद्धव ठाकरे को शिवसूत्र बांधा और शिवसेना उद्धव ठाकरे की मेंबरशिप ले ली। उन्मेष पाटिल के पार्टी छोड़ने को जलगांव में भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है। उन्मेष पाटिल के साथ उनके तमाम समर्थकों ने भी शिवसेना की मेंबरशिप ली।

कहा जा रहा है कि वह टिकट कटने से नाराज थे। इसके बाद से ही वह भाजपा पर हमला भी कर रहे थे। उद्धव ठाकरे के खेमे में आते हुए उन्मेष पाटिल ने कहा कि यदि आत्मसम्मान सुरक्षित नहीं रहता है तो फिर रुकने की कोई वजह नहीं है। वह अपने समर्थकों के साथ मातोश्री पहुंचे और शिवसेना उद्धव ठाकरे की मेंबरशिप ली। इस दौरान संजय राउत भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मेरी यह लड़ाई किसी पद के लिए नहीं है बल्कि आत्मसम्मान की है। यह विकास की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मैं तो गठबंधन का सांसद था। ऐसे में यदि एक भाई मेरे साथ विश्वासघात करता है तो दूसरा भाई मेरे साथ खड़ा है।

उन्होंने उद्धव ठाकरे की तारीफ करते हुए कहा कि वह देश को मजबूत करने में जुटे हैं। उन्होंने वफादार लोगों को अपने साथ रखा है। उन्मेष ने कहा कि आज बहुत से लोग पूछते हैं कि क्या मैं नाराज हूं। मैं बता देना चाहता हूं कि मेरी इच्छा विधायक या सांसद बनने की नहीं है। उद्धव ठाकरे भी किसी पद के लिए नहीं बल्कि देश के लिए लड़ रहे हैं। वह राजनीति को सेवा का एक उपकरण मात्र मानते हैं। बता दें कि भाजपा ने इस बार उन्मेष पाटिल को जलगांव से मौका नहीं दिया था। उनके स्थान पर पार्टी ने स्मिता वाघ को कैंडिडेट बनाया है। माना जा रहा है कि क्षेत्र के विधायक मंगेश चव्हाण की इसमें भूमिका है। वह पाटिल के विरोधी माने जाते हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button