मध्यप्रदेश

टाइम लाइन निकली तो 5 जिलों ने खड़े किए हाथ

ग्वालियर

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं के छात्रों को दिए जाने वाले गणवेश पर ग्रहण लग गया है। शासन के आदेश थे कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा स्कूल गणवेश का वितरण 15 मार्च तक नि:शुल्क कर दिया जाए, लेकिन इस तय तारीख के निकलने के बाद अब प्रदेश के चार जिले भिंड, बैतूल, अनूपपुर, सिवनी और श्योपर जिले ने गणवेश वितरण को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए है। जबकि शासन द्वारा गणवेश के लिए जो करोड़ों रुपए का बजट इन पांचों जिलों को मिला था उसे होल्ड कर दिया है। ऐसे में अब इन पांचों जिलों में स्कूली बच्चों को गणवेश मिल पाना फिलहाल मुमकिन नहीं होगा। वहीं आवंटित बजट राशि वापस मांगे जाने से परेशान स्व-सहायता समूहों की महिलाएं अब सांसद-विधायकों से मदद की गुहार लगा रहीं है।

स्व-सहायता समूहों की महिलाएं परेशान
प्रदेश में गणवेश वितरण की अलग-अलग इस व्यवस्था से स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। दरअसल, स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ही यह कार्य राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को अब तक दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार प्रदेश के 30 जिलों में गणवेश की राशि सीधे छात्रों के खाते में डाल दी गई। जबकि शेष 22 जिलों में ही गणवेश वितरण का कार्य कराया गया। इनमे से भी पांच जिलों ने अब टाइम लाइन निकलने पर इस कार्य को करने से इनकार कर दिया है। जबकि इन पांचों जिलों में स्व-सहायता समूहों की ज्यादातर महिलाओं कपड़ा खरीदी के साथ गणवेश सिलने का काम शुरू कर दिया था। ऐसे में अब गणवेश का कार्य नहीं किए जाने पर इन पांचों जिलों की स्व-सहायता समूहों की महिलाएं परेशान हैं।

30 जिलों में सीधे खाते में पहुंचा पैसा
मध्य प्रदेश के 30 जिलों में कक्षा एक से 8 तक के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वालों विद्यार्थियों को गणवेश की राशि 600 रुपए सीधे उनके खाते में जमा कराई गई। जबकि शेष प्रदेश के 22 जिलों में स्व-सहायता समूहों द्वारा गणवेश वितरण कराने के निर्देश दिए गए थे। पांच जिलों द्वारा कार्य नहीं कर पाने के संबध में मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोज पुष्प ने यह रिपोर्ट राज्य शिक्षा केंद्र संचालक को भेज दी है।

भिंड में जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार
22 जिलों में से जिन 5 जिलों ने गणवेश का काम करने से हाथ खड़े किए हैं उनमे भिंड भी शामिल है। यहां स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का आरोप है कि बीच में शासन ने गणवेश का रंग बदलने का आदेश जारी किया, इससे गणवेश तैयार करने में देरी हुई। इसके बाद 15 मार्च को स्व-सहायता समूह की महिलाओं को अक्षम बताते हुए आवंटित पैसा वापस दिए जाने के निर्देश दिए। महिलाओं का आरोप है कि शासन से करार करने और बजट आवंटन के साथ ही कपड़ा खरीदी और और उसकी सिलाई का काम शुरू कर दी। ऐसे में अब जो गणवेश खरीदे उसका क्या होगा? और शासन को वह पैसा वापस कहां से देंगे? इस परेशानी को लेकर भिंड की स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह और अन्य जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button