राजनीति

इस बार चुनावी घोषणापत्र में क्या-क्या वादे करने वाली है बीजेपी, जानिए

नई दिल्ली

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बार चुनावी रण में एनडीए को टक्कर देने के लिए नया विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए 400 पार का टार्गेट सेट कर चुका है वहीं, विपक्ष का कहना है कि सत्ताधारी दल को 200 सीटें भी नसीब नहीं हो रही हैं। दोनों के अपने-अपने दावे हैं जिसका फैसला 4 जून को आएगा। उससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने रात खूब मंथन किया। मंथन चुनावी घोषणापत्र को लेकर हुआ। इस बार के मेनिफेस्टो में बीजेपी का ध्यान गरीबों और किसानों के कल्याण वाले वादों और महिलाओं-युवाओं के लिए नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करने पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली 27 सदस्यीय चुनाव घोषणापत्र समिति की बैठक में लोगों से ली गई राय के आधार पर चर्चा हुई।

भाजपा की चुनाव घोषणापत्र समिति की पहली बैठक में सरकार के 'विकसित भारत' एजेंडे के लिए रोडमैप ने केंद्र में जगह बनाई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने संकेत दिया कि घोषणापत्र 'मोदी की गारंटी' और 'विकसित भारत' के इर्द-गिर्द हो सकता है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भाजपा को अपनी मिस्ड कॉल सेवा के माध्यम से 3.75 लाख से अधिक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐप पर लगभग 1.70 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं।

लोगों ने मेनिफेस्टो के लिए दिए खूब सुझाव
बीजेपी ने देशभर से आए लोगों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए रात में करीब दो घंटे तक मंथन किया। लोगों ने मिलकर सरकार को जनकल्याण के सुझाव दिए हैं। दिल्ली में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीयूष गोयल ने बताया कि समिति की बैठक में 2047 तक विकसित भारत के लिए रोडमैप पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमारे घोषणा पत्र के लिए लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी, प्रधानमंत्री पर उनके विश्वास और उनसे उनकी उम्मीदों को दर्शाती है। गोयल ने बताया कि 35 दिन के अभियान के दौरान जानकारी इकट्ठी की गई। 300 से ज्यादा चुनाव क्षेत्रों में 916 वीडियो वैन भेजी गईं। उन्होंने बताया कि व्यापार और उद्योग संघों से भी सुझाव मिले।

समिति में कौन-कौन लोग शामिल?
भाजपा ने 30 मार्च को 27 सदस्यों वाली समिति की घोषणा की थी, जिसमें एक-एक मुस्लिम, सिख और ईसाई नेता भी शामिल थे। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसकी संयोजक हैं और इसके अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्री, गुजरात, असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के मुख्यमंत्री और शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे अनुभवी नेता भी इसके सदस्य हैं। कई दशकों में शायद यह पहली बार है जब इसके चुनावी घोषणापत्र में मुख्य वैचारिक वादों का उल्लेख नहीं किया गया है। इसने इस बारे में आम जिज्ञासा को बढ़ा दिया है कि इस बार सत्तारूढ़ दल की चुनावी प्रतिज्ञाओं के मुख्य आकर्षण क्या होंगे। घोषणा पत्र समिति की अगली बैठक 4 अप्रैल को होने की संभावना है। लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच होने हैं।

 रायपुर एयरपोर्ट पर सीएम साय ने मीडिया से चर्चा में बताया कि घोषणा पत्र में सब रहेगा। पूरे देश के हित में घोषणा पत्र बनेगा।

जानकारी के अनुसार घोषणा पत्र की समिति में सभी राज्यों से शामिल सदस्यों से राज्यवार चर्चा की गई। दौरान हर राज्य की अलग-अलग मुद्दे हैं। इसलिए समिति में राज्यों से एक-एक रिपोर्ट घोषणा पत्र को लेकर देने को कहा गया। गौरतलब है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में घोषणा पत्र तैयार करने के लिए लोगों से सुझाव दो माह पहले ही लेना शुरू कर दिए गए थे।

 हर जिले में सुझाव पेटी भेजी गई थी। भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों से सुझाव पेटी में सुझाव लिए गए। इसके अलावा आम नागरिकों से व्हाट्स ऐप और ईमेल के जरिए भी सुझाव मंगाए गए हैं। सब मिलाकर करीब डेढ़ लाख सुझाव आए हैं। जिसमें खासकर युवाओं के सुझाव ज्यादा आए हैं। इन सभी की एक कंपाइल रिपोर्ट तैयार की जारी है। जिसे केंद्रीय घोषणा पत्र समिति के पास भेजी जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button