पप्पू यादव पूर्णिया लड़ेंगे, 4 अप्रैल को नामांकन, कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ गए, कांग्रेस का नहीं आया बयान
पटना
बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद पूर्णिया लोकसभा सीट आरजेडी के खाते में आने के बाद पप्पू यादव यहां से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ गए हैं। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पूर्णिया से 4 अप्रैल को नामांकन करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सिंबल पर ही यहां से चुनाव लड़ेंगे। जबकि सीट बंटवारे में पूर्णिया आरजेडी के खाते में गई है। लालू यादव की पार्टी ने जेडीयू छोड़कर आईं विधायक बीमा भारती को यहां से प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी कांग्रेस आलाकमान की ओर से कोई बयान नहीं आया है। माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस नेतृत्व पप्पू यादव को पार्टी का सिंबल नहीं देता है तो वे निर्दलीय भी लोकसभा चुनाव में ताल ठोक सकते हैं। ऐसे में आरजेडी की बीमा भारती से उनका दोस्ताना मुकाबला हो सकता है।
दरअसल, महागठबंधन के तहत पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं मिली। यहां से आरजेडी ने बीमा भारती का उम्मीदवार बनाया है। अपनी जन अधिकार पार्टी को कांग्रेस में विलय करने के बाद पप्पू यादव पूर्णिया से महागठबंधन के तहत पूर्णिया से कांग्रेस प्रत्याशी बनने की उम्मीद कर रहे थे। सीट कांग्रेस को भले न मिली हो, लेकिन पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट पर अपना दावा ठोका है।
पप्पू यादव ने शुक्रवार को कहा है कि वह पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा फहराएंगे। 4 अप्रैल को यहां से लोकसभा चुनाव के लिए वे नामांकन करेंगे। महागठबंधन की सीटों के बंटवारे का एलान के ठीक तुरंत बाद शुक्रवार को एक बजे पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- सीमांचल कोसी जीतकर देश में कांग्रेस सरकार बनाएंगे। फिर आगे लिखा – पूर्णिया में कांग्रेस का झंडा लहराएंगे, राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाएंगे।
पप्पू यादव ने मीडिया से कहा कि पूर्णिया सीट कांग्रेस की थी, है और रहेगी। उन्हें पूर्णिया की जनता का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि पप्पू कोरोना से नहीं डरा तो वह किसी और से क्या डरेंगे। सीट बंटवारे में पूर्णिया तो कांग्रेस को नहीं मिली, तो क्या वे महागठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करेंगे। इस पर पप्पू यादव ने कहा कि मैं किसी के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। पूर्णिया की जनता निराश नहीं है। मेरे लिए जनता ही भगवान है। इसके पहले 23 मार्च को पप्पू यादव ने कहा था कि दुनिया छोड़ देंगे, लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे।