छत्तीसगड़

देश के 1 लाख 71 हजार लोगों ने आत्महत्या की है मोदी शासन काल में

रायपुर

प्रधानमंत्री मोदी अमृत काल की बात करते हैं लेकिन हकीकत में उनका शासनकाल मौत काल साबित हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 2023 के एनसीआरबी के इन आंकड़ों को देखने से तो यह बात साबित भी होती है। मोदी राज में बीते एक साल में देश के 1 लाख 71 हजार लोगों ने आत्महत्या की है। हर दिन 500 लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है। हर रोज 30 किसान आत्महत्या कर रहे है। हर घंटे घर संभालने वाली तीन गृहणियां महंगाई से तंग आकर अपनी जिंदगी समाप्त कर रही है, कुल 25309 गृहणियों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक 35 फीसदी युवा है। सिर्फ 2022 में बेरोजगारी से परेशान होकर 15783 लोगों ने आत्महत्या की है। अपना भविष्य अंधकार में जाता देख एक वर्ष में 5588 छात्राओं ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली है।

बैज ने कहा कि लोगों के बीच फैली इस हताशा और निराशा के कारण बिल्कुल स्पष्ट है। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में बेरोजगारी ने 45 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। सीएमआईई के ताजा आंकड़े के मुताबिक, आज देश में युवा बेरोजगारी दर (20-24 साल) 44.49 फीसदी के खतरनाक स्तर को पार कर चुकी है। साल 2022 में भारत में युवा बेरोजगारी दर बढ़कर 23.22 प्रतिशत हो गई, जो कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान (11.3 प्रतिशत), बांग्लादेश (12.9 प्रतिशत) और भूटान (14.4 प्रतिशत) से भी अधिक है।

बैज के पांच सवाल
देश के कुल बेरोजगारों में 83 प्रतिशत युवा क्यों हैं? सालाना 2 करोड़ नौकरियां कहां हैं? देश में 30 लाख सरकारी पद खाली क्यों हैं? हर परीक्षा का पेपर लीक क्यों होता है?
कॉरपोरेट का 16 लाख करोड़ माफ हो गया लेकिन हमारे किसान कर्ज से आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? किसानों की आय दोगुनी कब होगी? किसानों को एमएसपी कब मिलेगी?
देश के पदों और संसाधानों में हमारे दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब सवर्णों की उचित भागीदारी क्यों नहीं है?
महंगाई आज चरम पर क्यों है? घर चलाना मुश्किल क्यों है? आम लोग अपना परिवार क्यों नहीं चला पा रहे हैं?
महिलाओं के साथ अत्याचार क्यों बढ़ रहे हैं? महिलाओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों को संरक्षण देना कब बंद होगा?

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