देश

BJP की दूसरी सूची में जयपुर शहर से आएगा महिला प्रत्याशी का नाम

जयपुर.

भाजपा की CEC की बैठक आज शाम होने जा रही है, जिसमें राजस्थान की बची हुई 10 सीटों पर फैसला हो सकता है। जयपुर से भाजपा किसी महिला को मौका दे सकती है। जयपुर शहर संसदीय क्षेत्र में 72 वर्षों में सिर्फ एक महिला लोकसभा पहुंची है, जबकि महिला वोटर की संख्या पुरुषों के लगभग बराबर है। यानी कुल वोटर की 50 फीसदी वोटर महिलाएं हैं।

1952 से अब तक गायत्री देवी को छोड़ किसी भी महिला ने जनता का प्रतिनिधित्व नहीं किया है। वे पहली बार 1962 में स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद 1971 तक तीन बार सांसद रहीं। उसके बाद कोई महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं आई, उसका कारण ये है कि कांग्रेस और भाजपा जैसी राजनीतिक पार्टियों ने महिला को टिकट देने से परहेज किया। कुछ चुनाव में निर्दलीय और अन्य राजनीतिक दलों के सहारे महिलाएं चुनावी मैदान में उतरती रहीं हैं। वर्ष 2000 से पहले निर्दलीय चुनाव लड़ीं अधिकांश महिला उम्मीदवारों की जमानत तक गंवानी पड़ी।

1999 तक अन्य दलों ने दिखाई हिम्मत
जयपुर शहर संसदीय क्षेत्र में 72 वर्ष के राजनीतिक इतिहास में 1999 तक सीपीआई, जनता पार्टी, समाजवादी जैसी पार्टियों ने महिलाओं को टिकट दिया। 1952 में सीपीआई के टिकट से राधा वल्लभ और पीएसपी के टिकट पर शांति भाई जौहरी ने चुनाव लड़ा। दोनों को 4 फीसदी से कम वोट हासिल हुए। 1984 में दो महिलाओं ने निर्दलीय, 1996 में जेपी के टिकट से मंजुला कौशिक, 1998 में सीपीआई से सुनीता चतुर्वेदी ने चुनाव लड़ा। इन्हें 1.77 फीसदी से अधिक वोट नहीं मिले। खास बात है कि 2004 के बाद प्रमुख दलों के साथ अन्य दलों ने भी महिलाओं को टिकट देना उचित नहीं समझा।

2004 के बाद कांग्रेस ने दिया एक टिकट
भाजपा के मुकाबले कांग्रेस ने दो बार महिलाओं को टिकट दिया है। वर्ष 1962 में कांग्रेस ने पहली बार स्वतंत्र पार्टी की उम्मीदवार गायत्री देवी के सामने शारदा देवी को मैदान में उतारा। वे 14 फीसदी ही वोट हासिल कर पाई। वहीं, 2004 के बाद अन्य दलों ने महिलाओं को टिकट देना ही छोड़ दिया। इसके बाद कांग्रेस ने 2019 में फिर से ज्योति खंडेलवाल के रूप में महिला को टिकट दिया। हालांकि वे 33.88 फीसदी वोट हासिल कर हार गईं।

समय के साथ वोट फीसदी में आई गिरावट
तीन बार स्वतंत्र पार्टी के सिंबल पर लोकसभा पहुंची गायत्री देवी ने 1962 में 77 फीसदी वोट मिले। इसके बाद 1967 में 13 फीसदी और 1971 में करीब 7 फीसदी वोटों की गिरावट हुई।  कांग्रेस के आर कासलीवाल ने 33.37 फीसदी वोट और कांग्रेस पीके चौधरी चुनाव लड़ा।

अब तक कौन बना सांसद
1952: कांग्रेस के टिकट पर दौलत मल भंडारी
1957: हरीश चंद शर्मा निर्दलीय चुनाव जीते
1962, 67,71: स्वतंत्र पार्टी से गायत्री देवी सांसद रहीं
1977, 1980: जनता पार्टी के टिकट पर सतीश चंद्र अग्रवाल
1984: कांग्रेस के टिकट पर नवल किशोर शर्मा
1989 से 2009: भाजपा के गिरधारी लाल
2009: कांग्रेस के डॉ. महेश जोशी
2014 से 20024: रामचरण बोहरा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button