मध्यप्रदेश

अप्रैल से फरवरी तक साढ़े 42 हजार करोड़ का कर्जा ले चुकी है राज्य सरकार … फिर रिजर्व बैंक को भेजा पत्र

भोपाल

विधानसभा चुनाव जीतने के चक्कर में भाजपा सरकार ने लाड़ली बहना सहित तमाम लोक-लुभावनी योजनाएं ताबड़तोड़ घोषित कर करोड़ों रुपए खर्च भी कर डाले, जिसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार घाटे में तो आई ही, वहीं लगातार उसे कर्ज का बोझ भी सहना पड़ा। लाड़ली बहना के लिए ही हर महीने 1500 करोड़ से अधिक की राशि की जुगाड़ करना पड़ती है। मोहन सरकार अब 31 मार्च से पहले 5 हजार करोड़ का नया कर्जा लेने जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉॅ. मोहन यादव के सफल 100 दिन भी पूरे हो गए, जिसमें उन्होंने कई कड़े निर्णय तो लिए ही, मगर असल चुनौती राज्य शासन को कर्ज के बोझ से निजात दिलाने की है। दरअसल चालू वित्त वर्ष में राज्य सरकार 47560 करोड़ रुपए तक का अधिकतम कर्ज ले सकती है। अप्रैल से लेकर फरवरी अंत तक राज्य सरकार ने 42 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्जा ले लिया है।

लिहाजा अब बचा 5 हजार करोड़ का कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र भेज दिया गया है। चूंकि 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा, लिहाजा उसके पहले मोहन सरकार ये बचा हुआ 5 हजार करोड़ का कर्जा और लेगी। इस पूरे वित्त वर्ष में लगातार शासन को कर्जा वेतन बांटने से लेकर जरूरी खर्चे और जो बड़ी-बड़ी घोषणाएं चुनाव के चलते की गईं उनकी पूर्ति के लिए लेना पड़ा। सबसे बड़ा कर्जा तो लाड़ली बहना का ही है। हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्पष्ट कर चुके हैं कि यह योजना जारी रहेगी और शासन के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button