लोकसभा चुनाव में महिला मतदाता और उम्मीदवार दोनों बढ़े
भोपाल
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान हो गया है। पिछले तीन लोकसभा आम चुनावों में लोकसभा चुनाव के दौरान महिला मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है वहीं मैदान में उतरने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ी है। इस बार भी महिला उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में इस लोकसभा चुनाव से पहले के तीन लोकसभा चुनावों की बात करें तो वर्ष 2009 में हुए चुनावों में चुनाव लड़ने के लिए कुल 558 उम्मीदवाारों ने नामांकन पत्र जमा कराए थे और इसमें से नाम वापसी तथा रिजेक्ट नामांकनों को हटाने के बाद 429 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए थे। इनमें से मध्यप्रदेश से 29 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरी थी और उस समय महिला मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं की संख्या का 47 फीसदी थी। कुल 1 करोड़ 79 लाख 1 हजार 17 महिला मतदाताओं ने मतदान किया था। वहीं 2014 में हुए अगले लोकसभा चुनावों में जहां कुल 448 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा कराए इसमें से 34 ने नाम वापस ले लिये और 36 के नामांकन निरस्त हो गए। इसके बाद मैदान में शेष रह गए 378 उम्मीदवारों में से महिला मतदाताओं की संख्या 37 थी। जो पिछले आम चुनावों से आठ अधिक थी। इसी अवधि में मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ। कुल मतदाताओं में से 47.40 फीसदी याने 2 करोड़ 28 लाख 7 हजार 629 महिला मतदाताओं ने मतदान किया।
इसके बाद 2019 में हुए आम लोकसभा चुनावों में चुनाव मैदान में उतरे 547 उम्मीदवारों में से 438 ने चुनाव लड़ा था और 2019 में चुनाव मैदान में उतरने वाली महिलाओं की करें तो इस साल इनकी संख्या फिर बढ़ गई। कुल चालीस महिला उम्मीदवारों ने पिछले लोकसभा आम चुनाव में चुनाव लड़ा था। इस साल में महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत बढ़ा और 47.89 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का उपयोग किया। याने कुल 2 करोड़ 48 लाख 38 हजार 64 महिलाओं ने वोट किया था।