विदेश

हवाई हमला हमले के बाद तालिबान ने पाकिस्तान को दी सीधी धमकी

इस्लामाबाद
 पाकिस्तान की वायु सेना के अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमलों के बाद दोनों देशों के बीच पहले से जारी तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तानी हमले के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने जिस तरह की तीखी प्रतिक्रिया दी है, उससे ये आशंका जोर पकड़ने लगी है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो सकता है। रक्षा विशेषज्ञों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध की भविष्यवाणी करनी शुरू कर दी है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति बिगड़ न जाए, इसके लिए दोनों देशों के प्रतिनिधियों को जल्द बातचीत शुरू करके इसे संभालने की जरूरत है।

तालिबान ने कहा, अमेरिका जैसा होगा अंजाम

पाकिस्तान ने सोमवार सुबह तड़के अफगानिस्तान के पक्तिका और खोस्त प्रांतों में हवाई हमले किए थे। पाकिस्तान ने दावा किया था कि एयरस्ट्राइक में टीटीपी आतंकियों को निशाना बनाया गया था। तालिबान ने इन दावों को खारिज किया और कहा कि हमले में 5 महिलाएं और 3 बच्चों की मौत हुई है। तालिबान ने पाकिस्तान को अमेरिका जैसा ही अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली थी। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने कहा था कि हमें सुपरपॉवर (अमेरिका) से 20 साल लड़ने का अनुभव है। तालिबान सरकार अफगान धरती पर किसी भी विदेशी ताकत को बर्दाश्त नहीं करेगी।

दोनों देशों में संबंध निचले स्तर पर

अफगानिस्तान में ये हमले ऐसे हुए हैं जब पाकिस्तान में आतंकी हमलों में वृद्धि के चलते दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। इस्लामाबाद इन आतंकी हमलों के लिए अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराता है। शनिवार को उत्तरी वजीरिस्तान में हुए आतंकी हमले को लेकर जारी पाकिस्तान विदेश विभाग के बयान में सीधे तालिबान सरकार का नाम लिया गया और कहा गया कि इन हमलों में शामिल आतंकियों को तालिबान सरकार में शामिल लोगों को समर्थन हासिल है। वहीं, तालिबान ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया था और कहा कि काबुल अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ करने से इनकार करता है।

युद्ध का खतरा

सुरक्षा और विदेश मामलों के जानकारों ने इन ताजा हमलों पर चिंताजनक बताते हुए इसके छोटे पैमाने के युद्ध या लंबे संघर्ष में बदलने की आशंका जाहिर की है। पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर और डिफेंस एक्सपर्ट अमहद सईद मिन्हास ने अरब न्यूज से कहा, जब तक अंतरिम अफगान सरकार जिम्मेदार व्यवहार नहीं दिखाई, ये छिटपुट झड़पें छोटे पैमाने के युद्ध में बदल सकती हैं। उन्होंने पाकिस्तान से भी संयम बरतते हुए एक एक वर्किंग ग्रुप बनाने की सलाह दी है, जिसमें दोनों देशों के राजनीतिक और सैन्य अधिकारी शामिल हों। ये ग्रुप टीटीपी के खिलाफ प्लान पर चर्चा करें और अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादियों पर एक्शन लेने की जिम्मेदारी तालिबान को सौंपी जाए।

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