वर्ष 2012 में देशभर में कुल 25 जिले अति नक्सल प्रभावित थे, अब 12 अति नक्सल प्रभावित जिले, पुख्ता रहेगी सुरक्षा
बालाघाट
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024 की ताजी रिपोर्ट में देश के अति नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में कमी आई है। हालांकि, बालाघाट को पहले की तरह अति नक्सल प्रभावित जिले की श्रेणी में यथावत रखा गया है। वर्ष 2012 में आई इस रिपोर्ट में देशभर में कुल 25 जिले अति नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में थे, जो 12 साल बाद घटकर 12 हो गए हैं। बालाघाट के अलावा गृह मंत्रालय ने मंडला व डिंडौरी को कम नक्सल प्रभावित श्रेणी में रखा है। ये जानकारी रविवार को पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के संबंध में जानकारी देते साझा की। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, देश में अब कुल 12 जिले ही ऐसे हैं, जिसे अति नक्सल प्रभावित माना गया है। वार्ता के दौरान कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने लोकसभा चुनाव की तैयारी व आचार संहिता के नियमों से अवगत कराया।
मध्य प्रदेश में बालाघाट अब भी एकमात्र जिला
हाल ही में आई रिपोर्ट में बालाघाट अब भी मध्य प्रदेश में इकलौता जिला है, जो अति नक्सल प्रभावित है। इसके अलावा बिहार, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के जिलों को इस श्रेणी में रखा गया है। चूंकि, बालाघाट को नक्सली आज भी अपनी पनाहगाह मानते हैं, इसलिए यहां नक्सल गतिविधि भी है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में हुई कार्रवाइयों से नक्सलियों के मंसूबे कमजोर हुए हैं और वो बैकफुट पर हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बालाघाट में विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव को भी शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुल 311 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां मतदान होगा।
जल्द मिलेंगी सुरक्षा जवानों की कंपनियां
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए जवानों की कंपनियों की मांग भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही जिले को कंपनियां उपलब्ध होंगी, जिन्हें अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। बताया गया कि बालाघाट पुलिस ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सौ कंपनियों की मांग की है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी सौ कंपनियों की मांग भेजी गई थी, लेकिन तब पुलिस को 75 कंपनियां मिली थीं। पुलिस ने उम्मीद जताई कि लोस चुनाव में लगभग 80 कंपनियों की ताकत बालाघाट पुलिस को मिलेगी। एसपी समीर सौरभ ने बताया कि हमेशा की तरह पुलिस, सीआरपीएफ व हाकफोर्स सतर्कता बरते हुए है। चूंकि अभी तेंदूपत्ता संग्रहण का समय है इसलिए नक्सली अक्सर अवैध वसूली की घटना को अंजाम देते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं पर नकेल कसने के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में सघन सर्चिंग जारी है, जो आगे भी रहेगी। अंतरराज्यीय व अंतर्जिला सीमाओं के नाकों को भी सक्रिय किया गया है।
मतदाताओं तक जागरूकता के लिए स्वीप प्लान तैयार
जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डा. मिश्रा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में रोज मतदाताओं तक पहुंचने की रूपरेखा तैयार की गई है। स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत गतिविधियां होगी। विस चुनाव में औद्योगिक क्षेत्र के मतदाता मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंचे थे। उनके लिए फार्म 6,7 और 8 भरवाने का कार्य किया गया है।उन्हें स्वीप में मतदान केंद्र तक जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। डॉ. मिश्रा ने कहा कि निर्वाचन के दौरान शादी विवाह के आयोजन होंगे। सभी प्रकार की अनुमतियां लेनी होगी। रात 10 बजे के बाद डीजे प्रतिबंधित रहेगा। सामाजिक या निजी आयोजन में राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। प्रशासन इसकी निगरानी रखेगा। बड़ी मात्रा में नकद का परिवहन करने वाले व्यापारी और अन्य शादी विवाह आयोजनों के लिए वे राशि के संबंध में आवश्यक दस्तावेज साथ रखें।