सिंगरौली, श्योपुर, मंदसौर और नीमच चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 1167 करोड़ 95 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति
भोपाल
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मंत्रिपरिषद के 11 मार्च के निर्णयों के अनुक्रम में प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी किये गये हैं। सिंगरौली, श्योपुर, नीमच और मंदसौर चिकित्सा महाविद्यालय के लिए पुनरीक्षित स्वीकृति जारी की गयी है। सिंगरौली के लिए 289.74 करोड़ रूपये, श्योपुर के लिए 288.50 करोड़ रूपये, नीमच के लिए 287.45 करोड़ रूपये और मंदसौर चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 302.26 करोड़ रूपये कुल राशि रूपये 1167 करोड़ 95 लाख रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है।इसके साथ ही सिंहस्थ की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन चिकित्सा महाविद्यालय में सिविल कार्यों के लिये 592.30 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है।
13 नर्सिंग कॉलेज के लिए 192 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत
केन्द्र प्रवर्तित योजना के मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिये 14.80 करोड़ प्रति नर्सिंग महाविद्यालय की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी है। दतिया, खण्डवा, रतलाम, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, सतना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली में नर्सिंग महाविद्यालय के निर्माण के लिए कुल 192 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
136 शव वाहन संचालन की स्वीकृति
प्रदेश के समस्त जिलों में शव वाहन संचालित किये जाने का दायित्व नगरीय विकास एवं आवास विभाग के स्थान पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को संस्थागत मृत्यु हेतु शव वाहन का दायित्व सौंपा गया है। प्रदेश के समस्त 13 चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में प्रारंभिक स्तर पर 4 तथा शेष अन्य 42 जिला चिकित्सालयों में 2 कुल 136 शव वाहन के लिए निविदा की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा प्रदान की गयी है।
रोगी/पीड़ित की शासकीय संस्था में मृत्यु उपरांत मृतक को निवास स्थल/श्मशान तक निःशुल्क परिवहन व्यवस्था शव वाहन द्वारा आउटसोर्स माध्यम से संचालित किये जाने के लिए निविदा आमंत्रित किए जाने की स्वीकृति दी गयी है। योजना के विभिन्न पहलुओं पर सुझाव देने के लिए चार सदस्यीय मंत्रि-परिषद उप-समिति गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री नगरीय विकास एवं आवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सहकारिता मंत्री सम्मिलित हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एयर एम्बुलेंस की संचालन व्यवस्था और "मानक संचालन प्रक्रिया" को स्वीकृति प्रदान की गयी है।