नई ईवी पॉलिसी में सबसे ज्यादा जोर विदेशी निवेश को भारत में लाने पर रहेगा, सरकार ने नई EV पॉलिसी को दी मंजूरी
नई दिल्ली
भारत सरकार ने आज नई इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी (EV Policy) का ऐलान कर दिया है। इस पॉलिसी पर टेस्ला समेत दुनियाभर की दिग्गज ईवी वाहन बनाने वाली कंपनियों की नजर थी। नई ईवी पॉलिसी में सबसे ज्यादा जोर विदेशी निवेश को भारत में लाने पर रहेगा। साथ ही भारत को ईवी टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन में सिरमौर बनाने की कोशिश भी की जाएगी। इसमें विदेशी कंपनियों को कम से कम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपए) का निवेश करना होगा।
इंपोर्ट टैक्स में मिलेगी राहत
भारत सरकार की नई ईवी पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक वेहिकल स्कीम लाई गई है। इसमें टैक्स छूट भी दी जाएगी। नई ईवी नीति के तहत कंपनी 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश और 3 साल एक अंदर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट देश में लगाती है तो उसे इंपोर्ट टैक्स में राहत दी जाएगी। इससे दिग्गज ईवी निर्माता टेस्ला समेत दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारत लाने का प्रयास किया जाएगा।
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां आएंगी भारत
सरकार ने आधिकारिक वक्तव्य में कहा कि ई वेहिकल सेगमेंट में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भारत लाने का प्रयास किया जाएगा। नई पॉलिसी देश में ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में काम करेगी। साथ ही ईवी सेगमेंट की एडवांस टेक्नोलॉजी भी भारत आ सकेगी। इसमें 4,150 करोड़ रुपए से लेकर कितना भी इनवेस्टमेंट किया जा सकेगा। कंपनियों को 3 साल एक अंदर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट इंडिया में लगाना होगा। साथ ही 5 साल के अंदर कम से कम 50 फीसदी भारत में ही बने पार्ट्स इस्तेमाल करने होंगे।