दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने वर्तमान दर्शन व्यवस्था को ही लागू रखने का निर्णय लिया
उज्जैन
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के गर्भगृह में फिलहाल दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद ही रहेगा। महाशिवरात्रि के बाद इस व्यवस्था में बदलाव की बात कही गई थी लेकिन दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने वर्तमान दर्शन व्यवस्था को ही लागू रखने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि मंदिर के गर्भगृह में जून 2022 से ही प्रवेश प्रतिबंधित है। केवल साधु-संतों और मुख्यमंत्री आदि अतिविशिष्ट अतिथियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। मंदिर प्रबंध समिति ने श्री महाकाल महालोक के बनने के बाद बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया था। दो साल पहले तक मंदिर में रोजाना 20 से 25 हजार लोग आते थे।
अब यह संख्या रोजाना औसतन एक लाख से भी अधिक है। ऐसे में गर्भगृह में प्रवेश देने पर दर्शन व्यवस्था बिगड़ सकती है। बता दें कि गर्भगृह में सशुल्क (750 रुपये प्रति व्यक्ति) प्रवेश दिया जाता था। मगर इस व्यवस्था में भी बड़ी संख्या में भक्त आते थे। गर्भगृह में अधिक भीड़ होने से नंदी हाल और गणेश मंडपम् में खड़े भक्तों को दर्शन नहीं हो पाते थे। इस कारण गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया।
सामान्य दर्शनार्थी
देशभर से आने वाले आम भक्त श्री महाकाल महालोक से मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर के रास्ते परिसर स्थित टनल से होते हुए मंदिर के गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं। यह व्यवस्था पूर्ण रूप से निशुल्क है।
शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालु
रुपये 250 के शीघ्र दर्शन टिकट धारी श्रद्धालु मंदिर के चार नंबर गेट से विश्राम धाम के रास्ते सभा मंडप होते हुए गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं।
स्थानीय श्रद्धालु
उज्जैन में रहने वाले स्थानीय भक्त मंदिर कार्यालय के सामने स्थित अवंतिका द्वार से अपना आधार कार्ड दिखाकर प्रवेश कर दर्शन करते हैं। यह व्यवस्था भी पूरी तरह निशुल्क है।
पूर्व व्यवस्था से ही कराए जा रहे दर्शन
महाकाल मंदिर में फिलहाल पूर्व निर्धारित व्यवस्था ही लागू है। फिलहाल गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित ही रहेगा। – मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति