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गुजरात के जूनागढ़ में गिराई दरगाह, करीब 1000 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी रही, पिछले साल हुआ था बड़ा बवाल

अहमदाबाद
गुजरात के जूनागढ़ में एक 20 साल पुरानी दरगाह को जमींदोज कर दिया गया। शनिवार की देर रात करीब 1000 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में यह बुलडोजर ऐक्शन हुआ। दरअसल, पिछले साल भी प्रशासन ने इस दरगाह को तोड़ने की कोशिश की थी लेकिन तब हिंसक भीड़ ने पत्थरों से अटैक कर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस हिंसा में कई लोग घायल भी हो गए थे। ऐसे में अब इस अवैध दरगाह को ढहा दिया गया है। प्रशासन ने दो मंदिरों को भी तोड़ा है।

देर रात में हुआ ऐक्शन
जिस दरगाह को तोड़ा गया है वह जूनागढ़ के मजवेड़ी गेट के पास थी। 'न्यूज18' की रिपोर्ट के मुताबिक, देर रात दो बजे करीब 1000 पुलिसकर्मी अवैध दरगाह के पास पहुंचे। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। जगह-जगह बैरिकेडिंग किए गए। तीन घंटे तक बुलडोजर चला और सुबह 5 बजे तक प्रशासन ने दरगाह को मिट्टी में मिला दिया। दरअसल, यह दरगाह सड़क के बीच अवैध भूमि पर बनी थी।

हुआ था बड़ा बवाल
जानकारी के मुताबिक, 20 साल पुरानी इस दरगाह को तोड़ने की कोशिश पिछले साल भी की गई थी। लेकिन तब उग्र भीड़ ने बड़ा बवाल किया था। एक पुलिस चौकी पर अटैक कर दिया गया था और तोड़फोड़ भी की गई। कई वाहनों में हिंसक भीड़ ने आग लगा दी थी। अटैक में डिप्टी एसपी भी घायल हो गए थे। इस अप्रिय घटना के करीब 9 महीने बाद पुलिस की टीम वहां दोबारा पहुंची। देर रात बुलडोजर चलाकर अवैध दरगाह तो तोड़ दिया गया।

दो मंदिर भी जमींदोज
जूनागढ़ में अवैध दरगाह के साथ अलग-अलग जगहों पर बनीं दो मंदिरों को भी तोड़ा गया है। सभी जगह भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। गौरतलब है कि एक दूसरे मामले में पिछले महीने उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मदरसे को तोड़ने गई पुलिस की टीम पर भीड़ ने पत्थरों और पेट्रोल बम से अटैक कर दिया था। इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई। हिंसा के बाद हल्द्वानी में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था। एक थाने पर उग्र भीड़ ने हमला कर दिया था। पुलिस ने इस हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया है।

 

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