स्वस्थ-जगत

महिलाओं के लिए दैनिक आहार में शामिल करने योग्य स्वस्थ खाद्यांश

 शोध बताते हैं कि पोषक तत्वों की कमी से महिलाएं तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करती हैं। ऑफिस हो या फिर घर। अधिकतर महिलाएं काम में इतना व्यस्त हो जाती हैं कि खाने-पीने का अच्छे से ख्याल नहीं रख पाती हैं। परिणाम स्वरूप उनके शरीर में विटामिन, मिनरल्स, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और वो बीमार पड़ने लगती हैं।

तो आइए जानते हैं कि वो कौन सी चीजें हैं, जिनकी मदद से आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है, और महिलाएं कमर दर्द, सिर दर्द, थायराइड, एनीमिया, हड्डियों में तेज दर्द, दिल व किडनी से जुड़ी सभी समस्याओं से खुद को दूर रख सकती हैं।

कैल्शियम की कमी नहीं होने देंगे ये फूड

महिलाओं में कैल्शियम की कमी शरीर की हड्डियों में दर्द का कारण बन सकता है। कैल्शियम की कमी से महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में महिलाएं को अपनी डाइट में अधिक से अधिक डेयरी उत्पादों शामिल करने चाहिए। चिया सीड्स पत्तेदार सब्जियां, बादाम और अंजीर भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।

इन चीजों में आयरन कूट-कूट कर भरा होता है

आयरन की कमी के चलते महिलाएं एनीमिया का शिकार हो जाती है। किसी काम में उनका मन नहीं लगता। खून की कमी के चलते शरीर जल्दी थक जाता है। ऐसे में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें पालक, चुकंदर बींस, दाल, ड्राई फ्रूट, साबुत अनाज जरूर खाने चाहिए।डाइट में रागी, बाजरा, और ज्वार को शामिल करना भी हेल्दी माना जाता है।

पर्याप्त विटामिन डी के लिए ये खाना जरूरी है

महिलाओं में अक्सर विटामिन डी की कमी हो जाती है। इस कारण उनका शरीर कमजोर होने लगता है। विटामिन डी की कमी से बचने के लिए महिलाएं अपनी डाइट में ट्राउट, या सैल्मन जैसी फैटी फिश शामिल कर सकती हैं। कार्ड लिवर ऑयल में भी काफी मात्रा में विटामिन डी होता है। इसके अलावा एक्सपर्ट दूध, अंडा, मशरूप, और साबुत अनाज खाने की सलाह देते हैं।

ऐसे शरीर में पूरी होगी ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी

महिलाओं को नियमित रूप से अखरोट, अलसी के बीज, सोया, एवोकाडो, मछली, अंडा जैसी चीजों को खाना चाहिए। ये सभी चीज़ें शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी नहीं होने देती हैं। बता दें, शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी होने से महिलाएं अक्सर डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं और उनकी मेंटल हेल्थ पर इसका बुरा असर पड़ता है।

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