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भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप समूह में एक नया बेस स्थापित करने जा रही, कोई भी हरकत करने से कांपेगा चीन

नई दिल्ली
हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने और विरोधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप समूह में एक नया बेस आईएनएस जटायु स्थापित करने जा रही है. जाहिर, ऐसा होने पर हिंद महासागर में कोई भी हरकत करने से चीन कांपेगा. खबर के मुताबिक, रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत सहित जुड़वां विमान वाहकों पर अपने कमांडरों का सम्मेलन भी आयोजित करने जा रही है, जहां वे कैरियर बैटल ग्रुप्स में अन्य युद्धपोतों और पनडुब्बियों की भागीदारी के साथ-साथ एक कैरियर से उड़ान भरने और दूसरे पर उतरने जैसे हाई टेम्पो वाले ऑपरेशन करेंगे.

तैनात होंगे एमएच-60 रोमियो हेलिकॉप्टर
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना अगले सप्ताह कोच्चि में मल्टीरोल हेलीकॉप्टर एमएच-60 रोमियो को भी औपचारिक रूप से चालू करने जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि नौसेना गोवा में अपने नौसैनिक युद्ध कॉलेज की इमारतों और कारवार में सुविधाओं का उद्घाटन 4 मार्च के आसपास भी करेगी.

कैसा होगा बेस?
मिनिकॉय द्वीप समूह में बनाए जा रहे बेस की डिटेल साझा करते हुए अधिकारियों ने कहा कि इसे ऑफिसर्स और जवानों के एक छोटे घटक के साथ चालू किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसका विस्तार किया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा, ''इससे हमें क्षेत्र में विरोधियों की सैन्य और कमर्शियल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक मजबूत पकड़ भी मिलेगी, क्योंकि यह मालदीव के द्वीपों से लगभग 50 मील दूर है.'' यह बेस अंडमान में बनाए गए आईएनएस बाज के समान होगा और अरब सागर में भी इसकी क्षमताएं समान होंगी.

दो विमान वाहक पोतों का संचालन एक साथ
भारतीय नौसेना अमेरिका से प्राप्त अपने चार एमएच-60 रोमियो मल्टीरोल हेलिकॉप्टरों को भी शामिल करेगी. भारतीय नौसेना भी पहली बार लक्षद्वीप के पास के इलाकों में जुड़वां वाहक संचालन का प्रदर्शन करने जा रही है. आईएनएस विक्रांत के शामिल होने के बाद यह पहली बार होगा कि नौसेना दो विमान वाहक पोतों का संचालन एक साथ करेगी.

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