मध्यप्रदेश

शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाते हुए परिसर में पर्यावरण का ध्यान रखें : मंत्री परमार

भारतीय समाज की परम्पराओं पर विज्ञानपरक शोध करने की आवश्यकता – तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार

शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाते हुए परिसर में पर्यावरण का ध्यान रखें : मंत्री परमार
उच्च शिक्षा मंत्री परमार से मंत्रालय में सिंगापुर के हाई कमिश्नर के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की

तकनीक और विज्ञान का उपयोग सृजन और जनकल्याण के लिए हो : परमार
मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल में "राष्ट्रीय विज्ञान दिवस" कार्यक्रम हुआ

भोपाल

भारतीय समाज की परम्परा एवं मान्यता विज्ञान आधारित थी। काल के प्रवाह में विभिन्न कालखंडो में परंपराओं को विकृत किया गया। भारतीय समाज की परम्पराओं पर विज्ञानपरक अनुसंधान करने की आवश्यकता है। हमें हर क्षेत्र में अपनी परंपराओं एवं दर्शन पर गर्व का भाव जागृत कर अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना होगा। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने बुधवार को "राष्ट्रीय विज्ञान दिवस" के अवसर पर मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के डॉ जगदीश चंद्र बसु सभागार में "विकसित भारत के लिए – स्वदेशी तकनीक" विषय पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर कही।

तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि हमारे समाज में सदियों से विदित है कि वनस्पति में जीव होता है इसलिए सूर्यास्त के बाद पेड़ की पत्तियां आदि नहीं तोड़ी जाती। इस मान्यता आधारित ज्ञान पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शोध कर डॉ. जगदीश चंद्र बसु ने "वनस्पति में जीव" का सिद्धांत दिया। भारतीय समाज में सूर्य पूजा का महत्व है, सूर्य की ऊर्जा में अनुसंधान कर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना जा सकता हैं। गांवों के कारीगरों में परंपरागत कौशल होता है, उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आधुनिक तकनीक से जोड़कर नवाचार के साथ जीवन सरल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तकनीक और विज्ञान का उपयोग सृजन और जनकल्याण के लिए हो, यह अत्यावश्यक है।

परमार ने भारत के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विश्वमंच पर स्थापित करने वाले भौतिक शास्त्री डॉ. सीवी रमन की कल्याणकारी खोज 'रमन प्रभाव' के सम्मान में मनाए जाने वाले "राष्ट्रीय विज्ञान दिवस" को सभी को बधाई दी। उन्होंने 2047 के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए भारतीय परंपरागत ज्ञान एवं कौशल पर अनुसंधान, शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्पित होने की बात कही।

इस अवसर पर सेवा भारती के विजय पौराणिक, मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी, डॉ. प्रवीण ढीगरा एवं डॉ. सुनील गर्ग सहित परिषद के वैज्ञानिक, अधिकारी-कर्मचारीगण एवं प्रदेश की 145 संस्थाओं से वर्चुअली जुड़े विद्यार्थी उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा मंत्री परमार से मंत्रालय में सिंगापुर के हाई कमिश्नर के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की

भोपाल

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार से बुधवार को मंत्रालय में सिंगापुर के हाई कमिश्नर सिमोन वोंग वी. कुएन के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की। हाई कमिश्नर सिमोन वोंग ने दोनों देशों के मध्य उच्च शिक्षा के संदर्भ में समन्वय के साथ बेहतर भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। वोंग ने साधन एवं संसाधन के आदान-प्रदान के साथ रोजगारोन्मुखी शिक्षण के संबंध में भी व्यापक चर्चा की।

अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा मनु श्रीवास्तव, आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत वरवड़े एवं आयुक्त तकनीकी शिक्षा मदन नागरगोजे सहित विभिन्न अधिकारीगण उपस्थित थे। सिंगापुर गणराज्य प्रतिनिधि मंडल में सिंगापुर के मुंबई में कान्सुलेट जनरल चेओंग मिंग फूंग, फर्स्ट सेक्रेटरी (पॉलिटिकल) सीन लिम, फर्स्ट सेक्रेटरी (इकोनॉमिक) विवेक रघुरमन, सिंगापुर के मुंबई में वाइस कान्सुलेट जनरल (पॉलिटिकल) जैशस लिम शामिल थे।

शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाते हुए परिसर में पर्यावरण का ध्यान रखें : मंत्री परमार

तकनीकी शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के शासी निकाय 23वीं बैठक हुई

भोपाल

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के शासी निकाय की 23वीं बैठक हुई। बैठक में पालन प्रतिवेदन के साथ विभिन्न प्रस्तावित बिंदुओं पर व्यापक चर्चा हुई। संस्थान में पुस्तकालय भवन के विस्तार, नवीन स्मार्ट शौचालय निर्माण, नाले का निर्माण, नवीन ओवर हेड टैंक का निर्माण, नवीन कांक्रीट रोड का निर्माण, कैंपस रिक्रूटमेंट परीक्षा के लिए 200 कंप्यूटर की प्रयोगशाला का निर्माण, फूड टेक्नोलॉजी लैब, प्रयोगशालाओं हेतु उपकरण क्रय आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। संस्था में भारतीय ज्ञान परम्परा का तकनीकी शिक्षा में समावेश विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया।

तकनीकी शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और कोर्स की आवश्यकता है। भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसरण के साथ विषयवार पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं। विद्यार्थियों का संस्थान के प्रति लगाव का भाव पैदा करना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। संस्थान के शैक्षणिक और अकादमिक वातावरण को बेहतर बनाते हुए परिसर में पर्यावरण का ध्यान रखें।

बैठक में अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा मनु श्रीवास्तव, आयुक्त तकनीकी शिक्षा मदन नागरगोजे, संस्थान के प्राचार्य डॉ. जे.के. श्रीवास्तव एवं यशोवर्धन केलकर सहित शासी निकाय के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button