उत्तर प्रदेश

अखिलेश को कल यानी आज दिल्ली में पेश होने के लिए समन दिया गया

लखनऊ  
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में नोटिस जारी किया है। अखिलेश को  आज यानी 29 फरवरी को दिल्ली में पेश होने के लिए समन दिया गया है। अखिलेश को इस मामले में बतौर गवाह पेश होना है। यह मामला अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान का है। उस समय अखिलेश यादव के पास ही खनन मंत्री का भी प्रभार था। इस मामले में रोक के बाद भी खनन का ठेका देने का आरोप है। 2016 से खनन घोटाले की जांच चल रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का आदेश दिया था।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समन को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। ऐसे में मामले के गरमाने की आशंका जताई जा रही है। अखिलेश यादव इससे पहले भी मोदी सरकार पर सीबीआई और ईडी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाती रही है। सपा के एक नेता ने अखिलेश के समन को भी राजनीति से प्रेरित बताया है। कहा कि चुनाव से ठीक पहले सीबीआई और ईडी इसी तरह से एक्टिव हो जाती है।

अखिलेश सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर भी कई तरह के आरोप लगे थे। लंबे समय से वह जेल में ही हैं। उनके चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में सपा ने उनकी पत्नी को टिकट दिया और विधायक भी बनी हैं। सोमवार को हुए राज्यसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले वह गैरहाजिर भी रहीं। इसे एक तरह से भाजपा की मदद के रूप में देखा जा रहा है। 2019 में हमीरपुर में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, खनन अधिकारी और अन्य लोगों समेत कई लोक सेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में अवैध खनन होने दिया। कहा गया कि सरकारी कर्मचारियों ने निविदा का पालन किए बगैर ही नए पट्टे दिए और पुराने पट्टों का नवीनीकरण किया।  

अखिलेश यादव ने समन का खुलासा खुद एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में किया। अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले चुनाव से पहले भी एक नोटिस आया था और इस चुनाव में भी एक नोटिस आया है। अखिलेश यादव अक्सर कहते रहे हैं कि उन्हें कांग्रेस की सरकार ने पहले ही सीबीआई क्लब में डाल दिया है और अब भाजपा भी वही काम कर रही है। हालांकि अब कांग्रेस और सपा एक साथ चुनाव लड़ रही हैं। लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में सपा-कांग्रेस के बीच समझौता हुआ है। सपा ने कांग्रेस को गठबंधन के तहत 17 सीटें दी हैं।

 

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