मध्यप्रदेश

भारत मंडपम दिल्ली में दी गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की जानकारी

राजगढ़ जिले में ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान का होगा सर्वे : राज्य मंत्री टेटवाल

भारत मंडपम दिल्ली में दी गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की जानकारी

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में एक साथ तीन वन्यप्राणियों का अंगीकरण

भोपाल

कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने राजगढ़ जिले की सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में ओलावृष्टि से हुई फसल नुकसानी का सर्वे कर कृषकों को उचित आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश कलेक्टर राजगढ़ को दिये हैं। मंत्री टेटवाल ने कहा है कि वे स्वयं अधिकारियों के साथ ओला प्रभावित फसलों का अवलोकन करने ग्रामों में जायेंगे। उल्लेखनीय है कि विभिन्न ग्रामों के किसानों ने ओलावृष्टि से हुई फसल नुकसानी की जानकारी राज्य मंत्री टेटवाल को दी थी।

 

भारत मंडपम दिल्ली में दी गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की जानकारी

भोपाल

भारत मंडपम दिल्ली में आयोजित भारत टेक्स-2024 में संचालक कौशल विकास सोमेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की जानकारी दी। उन्होंने टेक्सटाइल/एपेरेल सेक्टर के प्रतिष्ठानों को इस योजना से जुड़कर मध्यप्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षित करने का आग्रह किया।

मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ऑन द जॉब ट्रेनिंग की सुविधा देने के लिये मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना प्रारंभ की गई है। वर्तमान में योजना में एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। योजना में 18 से 29 वर्ष तक के युवा पात्र होंगे, जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हैं तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आईटीआई या इससे उच्च स्तर की है। योजना के अंतर्गत चयनित युवा को छात्र प्रशिक्षणार्थी कहा जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान 8 हजार से 10 हजार रुपये तक प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलेगा। बारहवीं उत्तीर्ण को 8 हजार रुपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रुपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार तथा स्नातक एवं उच्च योग्यता धारक को 10 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जायेगा। प्रशिक्षण के बाद इन्हें प्रमाण-पत्र भी दिया जायेगा।

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में एक साथ तीन वन्यप्राणियों का अंगीकरण

भोपाल

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में वन्यप्राणी योजना एक जनवरी 2009 को प्रारंभ की गई थी। इस योजना अंतर्गत वी.आई.टी. यूनिवर्सिटी भोपाल ने पर्यावरण तथा वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति प्रेम की ओर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुये एक साथ तीन वन्यप्राणियों जिनमें मादा बाघ "गौरी", नर सिंह "सत्या" एवं नर तेंदुआ "जबलपुरिया" को दिनांक 27 फरवरी को एक वर्ष के लिये गोद लिया।

वीआईटी यूनिवर्सिटी भोपाल की असस्टिेंट वाईस प्रेसीडेंट सुकादम्बरी एस. विश्वनाथन ने वन विहार की संचालक श्रीमती पदमाप्रिया बालाकृष्णन को अंगीकरण के लिये वन्यप्राणियों की आवश्यक राशि 5 लाख रूपये चैक के माध्यम से प्रदान की। एस.के. सिन्हा, सहाय क संचालक वन विहार एवं वीआईटी यूनिवर्सिटी भोपाल के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। वन विहार की संचालक श्रीमती पदमाप्रिया बालकृष्णन द्वारा वीआईटी यूनिवर्सिटी भोपाल की असिस्डेंट वाईस प्रसीडेंट मिस कादम्बरी एस. विश्वनाथन को तीनों वन्यप्राणियों मादा बाघ "गौरी", नर सिंह "सत्या" एवं नर तेंदुआ "जबलपुरिया" के अंगीकरण संबंधी प्रमाण-पत्र प्रदाय किये।

वन्यप्राणियों की गोद लेने की यह योजना जन-जन में वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति सदभावना के लिये प्रारंभ की गई है। इसमें व्यक्तिगत, संस्था, कारपोरेट सेक्टर, म.प्र. शासन के उपक्रम , पब्लिक सेक्टर के विभिन्न वर्गों की भागीदारी योजना को सही आयाम प्रदान करती है। कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था वन विहार के सूची में दर्शित किसी भी वन्यप्राणी को मासिक, त्रैमासिक, अर्ध वार्षिक तथा वार्षिक आधार पर गोद ले सकता है। इसके लिये नियत राशि "म.प्र. टाइगर फाउंडेशन सोसायटी" के नाम भोपाल में देय चैक अथवा ड्राफ्ट के माध्यम से जमा कर निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होता है। गोद लेने के लिये भुगतान की गई राशि आयकर की धारा 80 जी (एस) के प्रावधानों के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है। संबंधित को प्रति सप्ताह अधिकतम छ: सदस्यों को एक वाहन के साथ नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती है। संबंधित के नाम की पट्टिका गोद लिये गये वन्यप्राणी के बाड़े के समक्ष एवं दोनों प्रवेश द्वारों पर प्रदर्शित की जाती है।

इस योजना में अभी तक 93 वन्यप्राणियों को गोद लिया जा चुका है, जिसमें वन विहार के 77 लाख 47 हजार 180 रूपये की राशि प्राप्त हुई है।

 

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