मध्यप्रदेश

उज्जैन में एक और 2 मार्च को होने वाली इन्वेस्टर समिट को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का नाम दिया गया

रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव की सफलता के लिए महाकाल को चढ़ाए सवा छह क्विंटल लड्डू

उज्जैन में एक और 2 मार्च को होने वाली इन्वेस्टर समिट को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का नाम दिया गया

 MPIDC के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर टीम के साथ भोले बाबा के दरबार में पहुंचे

कॉन्क्लेव में आने वाले निवेशकों को दिया जाएगा विशेष प्रसाद

उज्जैन

उज्जैन में होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की सफलता के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुसार एमपीआईडीसी की टीम मंगलवार को महाकाल मंदिर पहुंची और महाकाल को 6.25 क्विंटल लड्डुओं का भोग अर्पित किया।

उज्जैन में एक और 2 मार्च को होने वाली इन्वेस्टर समिट को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का नाम दिया गया है। इस कॉन्क्लेव में डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल एवं धार्मिक पर्यटन जैसे सेक्टर पर फोकस किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा है कि इस कॉन्क्लेव के जरिए रीजनल इंडस्ट्रियल ग्रोथ को बढ़ावा मिले और उज्जैन में अधिक से अधिक निवेश आ सके। चूंकि कॉन्क्लेव में अब दो दिन शेष बचे हैं। निवेशकों के काफी रजिस्ट्रेशन भी हो चुके हैं, कॉन्क्लेव की सफलता के लिए एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश राठौड़ के साथ आईडीसी उज्जैन की टीम महाकाल के दरबार में पहुंची और भोले बाबा को लड्डुओं का भोग अर्पित किया। टीम ने महाकाल का अभिषेक कर कॉन्क्लेव की सफलता, प्रदेश में व्यापक निवेश एवं उद्योगों की तरक्की के लिए प्रार्थना की। महाकाल मंदिर में अर्पित किए गए लड्डुओं को प्रसाद के रूप में कॉन्क्लेव में आने वाले निवेशकों को वितरित किया जाएगा।

तीन सेक्टर पर फोकस रहेगी समिट

उज्जैन इंडस्ट्रियल कन्क्लेव मुख्य रूप से तीन सेक्टर पर फोकस रहेगी। प्रदेश में डेयरी, कृषि और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, धार्मिक पर्यटन, फिल्म डिवाइस और फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री में निवेश के अवसरों की जानकारी दी जाएगी और इन्हीं सेक्टर में मुख्य रूप से निवेश प्रस्ताव लिए जाएंगे। कॉन्क्लेव 1 मार्च को सुबह 9:30 बजे शुरू होगा एवं 2 मार्च को इसका समापन होगा। कॉन्क्लेव में अलग-अलग सेक्टर पर सत्र भी होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव निवेशकों से वन टू वन चर्चा भी करेंगे। मध्य प्रदेश की निवेश संवर्धन की नीतियों एवं सिंगल विंडो के जरिए सभी तरह की अनुमतियों को त्वरित देने के सिस्टम के बारे में भी निवेशकों को अवगत करवाया जाएगा।

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