स्वस्थ-जगत

पुरुषों के लिए कैंसर के लक्षण: जानें और बचाव के उपाय

कैंसर का नाम सुनते ही हमारा मन घबराने लगता है. पुरुषों की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर के केस देखने को मिलता है. ये एक ऐसी बीमारी है जो दबे पांव हमारे शरीर में जगह बनाती है. ये पुरुषों के प्रोस्टेट ग्रंथि में धीरे-धीरे बढ़ता है और कई बार शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं. हालांकि अगर समय से पहले पता चल जाये तो इसका इलाज संभव है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार (WHO) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि प्रोस्टेट कैंसर दुनिया भर में पुरुषों में होने वाले कैंसर के मामलों में से सबसे अधिक हैं. हर साल लाखों की संख्या में पुरुष इस कैंसर का शिकार बनते हैं. इस बीमारी के बारे पता करने के लिए प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (PSA) टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE) करना होता है. आइए अब जानते हैं कि पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के क्या लक्षण होते हैं और क्या क्या इलाज के उपाय हैं.

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण-

पेशाब करते समय परेशानी – पेशाब करने में जोर लगाना पड़ता है या पेशाब का प्रवाह कमजोर है तो ये प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है.
बार-बार पेशाब जाना – अगर बार बार पेशाब जाना पड़ रहा है, खासकर रात में बार-बार उठकर पेशाब करने की जरूरत पड़ती है तो ये भी प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है.
पेशाब अचानक बंद हो जाना – पेशाब करते समय अचानक रुक जाना एक गंभीर समस्या है इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
पेशाब के साथ खून आना – स्पर्म या पेशाब में खून आना भी गंभीर समस्या है इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
पेल्विक एरिया में दर्द होना – कमर के निचले हिस्से में दर्द होना भी प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है.
वजन घटना और थकान होना – बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन घटना और खूब थकान महसूस होना भी प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है.

प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के तरीके-
 
सर्जरी: यह प्रोस्टेट कैंसर के इलाज का सबसे आम तरीका है. इसमें प्रोस्टेट ग्रंथि को पूरी तरह या आंशिक रूप से हटा दिया जाता है.
रेडिएशन चिकित्सा: यह हाई एनर्जी वाले वेव की मदद से कैंसर सेल को नष्ट करता है. यह सर्जरी के विकल्प के रूप में या सर्जरी के बाद दोबारा कैंसर होने से रोकने के लिए किया जा सकता है.
हार्मोनल थेरेपी: यह पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को कम करके कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है. यह उन पुरुषों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिससे कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल गया है.
कीमोथेरपी: यह दवाओं का उपयोग करके कैंसर सेल को नष्ट करता है.
इम्यूनोथेरेपी: ये भी एक तरीके का कीमोथेरेपी है लेकिन इसमें शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को कैंसर सेल से लड़ने में मदद करने के लिए दवाओं का उपयोग करता है.
किस तरह के लोगों को होता है प्रोस्टेट कैंसर का खतरा?

वैसे तो प्रोस्टेट कैंसर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है लेकिन कुछ पुरुषों में इसका खतरा अधिक होता है.
– जिन पुरुषों की उम्र 50 से अधिक है.
– जेनेटिक कारण( जिसके परिवार में पहले से प्रोस्टेट कैंसर हो)
– शरीर का अधिक मोटा होना प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बन सकता है.

हेल्थलाइन वेबसाइट के मुताबिक, 40 से कम उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर रेयर होता है. 45-50 की उम्र के बाद पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर की जांच करा लेनी चाहिए. इससे शुरुआती स्टेज में ही इलाज किया जा सकता है.

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