JSSC-CGL पेपरलीक जांच पर सियासी आंच, विधानसभा में विपक्ष का हंगामा
रांची.
झारखंड विधानसभा में सोमवार को जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का पर्चा लीक मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष जहां सीबीआई जांच पर अड़ी रही और बेल में आकर प्रदर्शन किया, वहीं सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट किया कि सरकार एसआईटी जांच करा रही है। अगर इसमें सफल नहीं हुई तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 1124 बजे से 1235 बजे तक स्थगित रही।
बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते हुए भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा कि अल्पसूचित प्रश्न से ज्यादा लाखों नौजवान की संभावना महत्वपूर्ण हैं। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से ली गई सीजीएल की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया। 25 लाख में प्रश्नपत्र बेचे गए। यह राज्य को शर्मसार करने वाली घटना है। कुछ लोगों की गिरफ्तार कर खानापूर्ति की गई, लेकिन किंगपिन कौन हैं, सत्ता के शीर्ष पर कौन बैठे हैं, जिन्होंने ऐसा किया है, उसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इस पर कांग्रेस के विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक की वजह से स्थगित की गई। इससे युवाओं में गलत संदेश गया है। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। यह जांच जारी रहेगी, लेकिन युवाओं के हित में सीजीएल परीक्षा का आयोजन जल्द से जल्द होना चाहिए।
बड़े लोगों तक पहुंचने से पहले एसआईटी दबा दी जाएगी: बाउरी
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि एसआईटी को बड़े लोगों तक पहुंचने से पहले दबा दिया जाएगा। कदाचार नियमावली के अनुसार गिरफ्तारी नहीं हुई। विधानसभा स्तर के अधिकारी की गिरफ्तारी हुई। शमीम को संरक्षण देने वाले भी सदन में हैं। ब्लैक लिस्टेड कंपनी को परीक्षा लेने का अधिकार दे दिया गया। जेएसएससी की हर परीक्षा में पेपर लीक की गड़बड़ी दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि स्पीकर भी पाक साफ हैं। इमानदारी से काम करते हैं तो सीबीआई जांच का आदेश दे दें। सरकार के लोग अपने को बचाने के लिए सीबीआई जांच से भाग रहे हैं। सदन ही सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दे।
एसआईटी में सफल नहीं हुए तो आगे की कार्रवाई: आलम
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कदाचार नियमावली को विधानसभा से पारित किया गया था। किसी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो तो कार्रवाई होगी। नौजवानों के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। सरकार ने इस पर संज्ञान लिया और एसआईटी गठित कर कार्रवाई कर रही है। अगर एसआईटी द्वारा मामले का निष्पादन नहीं होता है तो आगे की कार्रवाई करेंगे और आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई मामला आता है तो थाना में जाता है, उसे सीधे डीआईजी के पास नहीं ले जाया जाता है।