पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने रचा इतिहास, पंजाब सूबे की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने इतिहास रच दिया है। वह पाकिस्तान के पंजाब सूबे की पहली महिला मुख्यमंत्री चुनी गई हैं। मरियम वर्तमान में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं। मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद मरियम नवाज ने कहा है कि उनकी सरकार बदले की कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का वादा भी किया। मरियम नवाज को पंजाब विधानसभा में 220 विधायकों का समर्थन प्राप्त हुआ। बता दें कि पाकिस्तान का पंजाब सूबा राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जाता है। ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच पंजाब की सत्ता पर काबिज होने के लिए जबरदस्त रस्साकस्सी होती रहती है।
कौन हैं पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज?
मरियम नवाज का जन्म 1973 में पाकिस्तान के लाहौर शहर में हुआ था। वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी हैं। मरियम ने 2012 में राजनीति में कदम रखा। पार्टी के चुनाव अभियान का प्रभारी के रूप में चुने जाने पर मरियम ने 2013 के पाकिस्तान चुनावों में पीएमएल-एन को जीत दिलाई। उसी वर्ष, उन्हें प्रधानमंत्री युवा कार्यक्रम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि, लाहौर उच्च न्यायालय में उनकी नियुक्ति को चुनौती दिए जाने के बाद उन्होंने 2014 में इस्तीफा दे दिया। 2017 में, पनामा पेपर्स घोटाले के मद्देनजर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मरियम को सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया था। अदालत ने फैसला सुनाया कि मरियम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थी। हालांकि, पीएमएल-एन ने उसके खिलाफ आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह निर्दोष थी।
नवाज परिवार से चौथी मुख्यमंत्री बनीं
2024 के पाकिस्तानी आम चुनाव के दौरान मरियम पहली बार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (एनए) और पंजाब की प्रांतीय असेंबली के लिए चुनी गईं। उन्होंने पंजाब सूबे का मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रांतीय विधानसभा (एमपीए) के सदस्य के रूप में शपथ ली और संसदीय सीट को छोड़ दिया। मरियम नवाज के पिता नवाज शरीफ, चाचा शहबाज शरीफ और उनके भाई हमजा शहबाज भी पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
पढ़ाई में कमजोर थीं मरियम
मरियम नवाज ने अपनी शिक्षा लाहौर के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लाहौर के ही कॉलेज फॉर वुमेन में एफएससी की पढ़ाई की। पढ़ाई में कमजोर होने के कारण मरियम का एडमिशन लाहौर के प्रसिद्ध किन्नार्ड कॉलेज में नहीं हो सका। इस पर उस वक्त पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रहे उनके पिता नवाज शरीफ ने कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद कॉलेज में छात्रों और कर्मचारियों ने प्रिंसिपल की बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। जब मामला सुर्खियों में आया तो नवाज शरीफ को प्रिंसिपल को बहाल करना पड़ा। इसके बाद मरियम ने डॉक्टर बनने का प्रयास किया। इसलिए उन्होंने 1980 के दशक के अंत में किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया; हालांकि, अवैध प्रवेश पर विवाद पैदा होने के बाद, उन्हें अपनी डिग्री पूरी किए बिना कॉलेज छोड़ना पड़ा।
नवाज के पीएसओ से 19 साल की उम्र में की शादी
1992 में मरियम नवाज ने 19 साल की उम्र में सफदर अवान से शादी की। ऐसे में उन्होंने अपने पति का उपनाम मरियम सफदर रख लिया। सफदर उस समय पाकिस्तानी सेना में कैप्टन के रूप में कार्यरत थे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में नवाज शरीफ के कार्यकाल के दौरान उनके सुरक्षा अधिकारी थे। सफदर अवान से उनके तीन बच्चे हैं: एक बेटा, जुनैद, और दो बेटियाँ, महनूर और मेहर-उन-निसा।
नजरबंद और निर्वासित भी हुईं मरियम
1999 के पाकिस्तान में तख्तापलट के बाद मरियम नवाज को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में मरियम और उनकी मां को चार महीने के लिए घर में नजरबंद रखा गया था। अपनी रिहाई के बाद, जब उसने अपने पिता के खिलाफ भ्रष्टाचार, आतंकवाद और कर चोरी के आरोपों का सामना किया। पिता की रिहाई के लिए उन्होंने खुद को जेलों के बीच चक्कर काटते हुए पाया। बाद में, उन्हें शरीफ परिवार के 22 सदस्यों के साथ सऊदी अरब में निर्वासन में भेज दिया गया। अपने लंबे निर्वासन के दौरान, वह अरबी भाषा में पारंगत हो गईं।
मरियम नवाज की व्यक्तिगत संपत्ति
2011 में पाकिस्तानी एंकर सना बुचा के साथ एक टीवी शो में मरियम ने कहा कि उनके पास मध्य लंदन में तो क्या पाकिस्तान में भी कोई संपत्ति नहीं है। हालांकि, पनामा पेपर्स केस में दावा किया गया था कि मरियम नवाज ने लंदन में कम से कम चार फ्लैट खरीदे हैं। बाद में 2017 में एक संयुक्त जांच दल द्वारा यह खुलासा किया गया कि "वह लंदन के फ्लैटों की लाभार्थी थी और उसने जानबूझकर कभी भी इन विदेशी संपत्तियों के स्वामित्व की घोषणा नहीं की, फर्जी दस्तावेज जमा किए और पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।" 29 सितंबर 2022 को लंदन में अपार्टमेंट की खरीद से संबंधित उनकी सजा को पलट दिया गया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के दो-न्यायाधीशों के पैनल ने उसके खिलाफ अभियोजन पक्ष के मामले को खारिज कर दिया। 2018 में पाकिस्तान चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में, मरियम ने अपनी संपत्ति 2.9 मिलियन डॉलर (24,03,44,750 रुपये) की घोषित की। उनके पास 1,506 कनाल (188 एकड़) कृषि भूमि है और उन्होंने कंपनियों में लाखों का निवेश किया है।