पेट और किडनी के स्वास्थ्य को संरक्षित रखें: डायबिटीज के खतरों से बचाव के लिए नुस्खे
डायबिटीज और पाचन से जुड़ी समस्याएं तो आज के दौर में आम हो चुकी हैं। तमाम दवा और तरीके अपनाने के बाद अगर आपको लाभ नहीं हुआ है तो एक योग के जरिए आप इन परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं।
मंडूकासन करने का तरीका
घुटनों को मोड़कर वज्रासन में बैठ जाएं।
अब हाथों की मुट्ठियों को अंगूठा अंदर रखकर बंद कर लें।
मुट्ठियों का रुख नीचे की और रखते हुए उनको नाभि से नीचे लगा दें।
पूरी सांस निकालकर पेट को अंदर की ओर दबाएं और मुठियों से भी पेट को अंदर की ओर दबाकर आगे झुक जाएं।
यहां सिर को ऊपर उठा लें और कोहनियां शरीर से सटी रहेंगी।
सामान्य सांस के साथ यथाशक्ति आसन में रुके रहे।
फिर सांस भरते हुए लौट आएं।
दो से तीन बार इसका अभ्यास कर लें।
बरतें ये सावधानियां
घुटनों में दर्द होने पर वज्रासन न करें।
ऐसे में कुर्सी पर बैठकर यह आसन किया जा सकता है।
यदि कमर दर्द रहता है तो आगे न झुकें।
ऐसे में सीधे बैठकर केवल पेट को अंदर की ओर दबाएं।
डायबिटीज में बैंगन के फायदे
ये हैं फायदे
यह आसन पेट के सभी अंगों को स्वस्थ बनाए रखता है।
इसके रोज अभ्यास से पाचन तंत्र को बल मिलता है।
डायबिटीज में यह रामबाण की तरह कार्य करता है।
कब्ज, गैस, डकार, मोटापा, भूख न लगना आदि पेट के रोगों में लाभकारी है।
साथ ही यह स्त्री रोग और अस्थमा में भी सहायक है।
जरूर अपनाएं
यदि कहीं सुख है, तो वो संतोष में है।
अपने को इतना बड़ा मत समझो कि कोई आशीर्वाद देने वाला भी न बचें।
प्रेम बांटने से प्रेम बढ़ता है।
देने का भाव हल्कापन और लेने का भाव भारीपन देता है।