मध्यप्रदेश

प्रदेश में जन सामान्य को न्याय सुलभ से मिल सके, ई सेवा केन्द्र को पंचायत स्तर तक लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता

भोपाल

प्रदेश में जन सामान्य को न्याय सुलभ से मिल सके, इसके लिये ई सेवा केन्द्र को पंचायत स्तर तक लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है। कोर्ट से जुड़ी डेश बोर्ड पर उपलब्ध जानकारी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। इससे न्याय प्रक्रिया में बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह निर्देश आज भोपाल के नरोन्हा प्रशासन अकादमी में कम्प्यूटर एवं ई कोट कमेटी की बैठक में दिये गये। बैठक जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस धर्माधिकारी की उपस्थिति में हुई। बैठक में ई कोर्ट से जुड़ी परियोजनाओं की राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 21 हजार ग्राम पंचायत पर ई सेवा केन्द्र काम कर रहे हैं। इन सेवा केन्द्रों में कोर्ट से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियां सामान्यजन को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। बैठक में मेडलेपार परियोजना की समीक्षा करते हुए बताया गया कि यह सॉफ्टवेयर 26 जनवरी 2019 से तैयार किया गया है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पोस्ट मार्टम और एमएलसी से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन देने की व्यवस्था की गई है। बैठक में बताया गया कि ट्रेफिक रेगुलेशन के लिये वर्चुअल कोर्ट की सुविधा है। इसमें ई चालान जारी किये जाने की व्यवस्था है।

बैठक में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के तैयार किये गये डेश बोर्ड पर चर्चा की गई। बताया गया कि डेश बोर्ड पर न्यायालयीन प्रकरण से संबंधित समग्र जानकारी समय-समय पर अपलोड की जा रही है। जरूरत इस बात की है कि त्वरित न्याय प्रक्रिया के लिये इनका उपयोग हो। बैठक में बताया गया कि खंडवा जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर ई समन वारंट का कार्य चल रहा है। जल्द ही इसे प्रदेश स्तर पर लागू किया जाएगा।

प्रचार-प्रसार पर जोर

बैठक में निर्देश दिये गये कि ई कोर्ट व्यवस्था के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। प्रदेश में ई सेवा केन्द्र में उपलब्ध सुविधाओं का क्षेत्रीय एवं लोकभाषा में प्रचार-प्रसार किया जाए। बैठक में बताया गया कि इन सुविधाओं ही पहुँच जनसामान्य तक देने के लिये सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा।

हिन्दी में करें अधिक से अधिक कार्य

बैठक में तय हुआ कि न्याय प्रक्रिया में अधिक से अधिक कार्य हिन्दी में किया जाए। कोर्ट में अंग्रेजी में दिये गये निर्णयों की हिन्दी में प्रतिलिपि देने की व्यवस्था की गई है। इसकी जानकारी जनसामन्य को दी जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में समाधान आपके द्वार कार्यक्रम के बेहतर परिणाम आ रहे हैं। विभिन्न शासकीय अधिकारियों को उनके विभाग से संबंधित प्रकरणों की स्थिति को डेश बोर्ड अपडेट करने के निर्देश दिये गये। बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का समन्वय सेंट्रल प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर एफ. एच. काज़ी, प्रभारी प्रमुख सचिव विधि उमेश पाण्डव और अतिरिक्त सचिव भरत व्यास ने किया।

 

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