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PM Modi ने दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना का शुभारंभ किया, ₹1.25 लाख करोड़ होगा निवेश

नई दिल्ली

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज (24 फरवरी) को 11 राज्यों में प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटिज (PACS) में अनाज भंडारण के लिए 11 गोदामों का उद्घाटन किया. ये गोदाम सहकारी क्षेत्र में सरकार की दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना का हिस्सा हैं.

500 पैक्स की रखी नींव

मोदी ने गोदामों और अन्य एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए देश भर में अतिरिक्त 500 पैक्स (PACS) की आधारशिला भी रखी. उन्होंने देश भर में 18,000 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक परियोजना का भी उद्घाटन किया.

इन पहलों का मकसद नाबार्ड (NABARD) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की मदद से पैक्स गोदामों को फूड सप्लाई चेन के साथ निर्बाध रूप से जोड़ना है. प्रधानमंत्री ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र एक लचीली अर्थव्यवस्था को आकार देने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने में सहायक है.

खाने के तेल और उर्वरक का आयात कम करने में मदद करें

उन्होंने कहा,  आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है। इसके तहत देश भर में हजारों वेयरहाउस और गोदाम बनाए जाएंगे.  मोदी ने सहकारी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे खाद्य तेलों (Edible Oil) और उर्वरकों (Fertilisers) सहित कृषि उत्पादों के लिए आयात निर्भरता कम करने में मदद करें.

मोदी ने कहा, कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में सहकारी क्षेत्र में हजारों गोदामों और गोदामों का निर्माण करके 700 लाख टन भंडारण क्षमता बनाई जाएगी. उन्होंने 11 राज्यों में 11 पैक्स द्वारा स्थापित 11 गोदामों का उद्घाटन करने के बाद कहा, आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है. इसके तहत देश भर में हजारों गोदाम और गोदाम बनाए जाएंगे.

'विकसित भारत का साक्षी…'

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत मंडपम 'विकसित भारत' की अमृत यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि का साक्षी बन रहा है। सहकार से समृद्धि का जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं। साथ ही, उन्होंने कहा, "इसके तहत देश के कोने-कोने में हजारों वेयर हाउस बनाए जाएंगे, हजारों गोदाम बनाए जाएंगे। आज 18 हजार PACS के Computerisation का बड़ा काम भी पूरा हुआ है।"

उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "सहकार, जीवनयापन से जुड़ी एक सामान्य व्यवस्था को बड़ी औद्योगिक क्षमता में बदल सकता है। ये देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है।"

महिलाओं की भागीदारी पर डाला प्रकाश

महिलाओं की प्राथमिकता पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आज देश में भी डेयरी और कृषि में सहकार से किसान जुड़े हैं, उनमें करोड़ों की संख्या में महिलाएं ही हैं। महिलाओं के इसी सामर्थ्य को देखते हुए सरकार ने भी सहकार से जुड़ी नीतियों में उन्हें प्राथमिकता दी है।"

पीएम मोदी ने कहा, "विकसित भारत के लिए भारत की कृषि व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण भी उतना ही जरूरी है। हम कृषि क्षेत्र में नई व्यवस्थाएं बनाने के साथ ही PACS जैसी सहकारी संस्थाओं को नई भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहे हैं।"

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