किस समय अध्ययन करना है सर्वोत्तम? एक अध्ययन से प्राप्त जानकारी
बच्चा जो पढ़ रहा है, वो उसे याद भी हो रहा है या नहीं, यह जानना बहुत जरूरी है। बच्चों के लिए पढ़ाई के लिए सही समय चुनना बहुत जरूरी होता है और इससे उनके सीखने और याद करने पर असर पड़ता है। दिमाग और शरीर की सुनने से फोकस में सुधार आता है और बच्चा पढ़ी गई चीजों को याद रख पाता है।
चूंकि, आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उसे याद रख पाने के लिए समय बहुत अहम होता है इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि दिन के किस समय पढ़ना सबसे ज्यादा अच्छा रहता है और बच्चों को पैरेंट्स को किस समय पढ़ाई करने बैठाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि बच्चों को पूरे दिन में से किस टाइम पढ़ना चाहिए।
सुबह 10 से दोपहर के 2 बजे तक
एक स्टडी के अनुसार सुबह के समय दिमाग सीखने और याद करने के लिए सबसे ज्यादा तैयार होता है। इस समय दिमाग सबसे अधिक सतर्क होता है और उसकी सीखने और ध्यान लगाने की क्षमता में इससे मदद मिलती है। बच्चों को इस समय सबसे मुश्किल लगने वाले विषयों की पढ़ाई करनी चाहिए।
पोषण भी है जरूरी
इस समय पोषण का ध्यान रखना भी जरूरी है। पोषण युक्त नाश्ता करने से दिमाग और शरीर को एनर्जी मिलती है जिससे फोकस लगाने के लिए जरूरी ऊर्जा प्राप्त होती है और सुबह के समय दिमाग स्वस्थ महसूस करता है। इसलिए अगर आपका बच्चा सुबह उठकर पढ़ाई कर रहा है, तो उसके लिए हेल्दी नाश्ता बनाएं। आप उसे बैरीज, नट्स और साबुत अनाज नाश्ते में खिलाएं।
शाम के 4 बजे का समय
शाम के 4 बजे से लेकर रात के 10 बजे के दौरान भी दिमाग एक्टिव रहता है। आप इस समय को पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। स्कूल से आने के बाद बच्चों को रिलैक्स करने के लिए थोड़ा समय चाहिए होता है। पढ़ाई करने से पहले बच्चों को रिलैक्स करने का समय दें। शाम को उन्हें हल्का और पौष्टिक नाश्ता खिलाएं जिससे उसे जरूरी पोषक तत्व मिल सकें। शाम को पढ़ाई करते समय संतुलित आहार की मदद से फोकस बना रहता है।
क्या-क्या खाएं
बच्चे के खाने में ओमेगा-3 से युक्त आहार जैसे कि फैटी फिश या अलसी के बीज डिनर में शामिल करें। इससे दिमाग स्वस्थ रहता है और बौद्धिक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा सुबह 4 बजे से लेकी 7 बजे तक पढ़ाई करने से बचना चाहिए।
क्या है वजह
इस समय शरीर नींद में होता है और उसका पूरा ध्यान पढ़ाई पर नहीं लग पाता है। ऑक्सफोर्ड लर्निंग के अनुसार आराम की कमी की वजह से इस समय पढ़ाई पर ध्यान नहीं लग पाता है। वहीं इन घंटों में बॉडी की इंटरनल क्लॉक भी पढ़ाई की अनुमति नहीं देती है। बच्चे के लिए उसकी उम्र के हिसाब से नींद लेना बहुत जरूरी होता है। इससे उसका दिमाग भी स्वस्थ रहता है और वह पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करता है।