इमरान समर्थक उम्मीदवार दूसरी पार्टी में होंगे शामिल, रिजर्व सीटों को हासिल करने के लिए उठाया कदम
कराची
पाकिस्तान में चुनाव हुए 12 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक तय नहीं हो पाया है कि यहां किस पार्टी की सरकार बनेगी और किसे प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. इस बीच अब इमरान समर्थक उम्मीदवार एक दूसरी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. यह कदम रिजर्व सीटों को हासिल करने के लिए उठाया जा रहा है.
दरअसल, जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने अपने पुराने फैसले को पलटने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि अब इमरान समर्थक 92 स्वतंत्र उम्मीदवार पाकिस्तान की दक्षिणपंथी पार्टी सुन्नी इत्तेहाद परिषद में शामिल होंगे.
पहले दूसरी पार्टी से होना था समझौता
इमरान के समर्थकों ने पहले नेशनल असेंबली और पंजाब प्रांतीय असेंबली के लिए चुने जाने के बाद शिया पार्टी मजलिस वहदत-ए-मुस्लिमीन (MWM) में शामिल होने का प्लान बनाया था. वहीं, खैबर-पख्तूनख्वा (KP) में चुने उम्मीदवार जमाती-ए-इस्लामी (JI) का हिस्सा बनने वाले थे, जो एक कट्टरपंथी सुन्नी धार्मिक पार्टी है.
क्या है सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल
बता देंकि सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) इस्लामी राजनीतिक और धार्मिक दलों का एक गठबंधन है, जो सुन्नी इस्लाम स्कूल के अनुयायियों का प्रतिनिधित्व करता है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने एमडब्ल्यूएम और एसआईसी के नेताओं के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर कहा,'नेशनल असेंबली, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभाओं में हमारे उम्मीदवार सुन्नी इत्तेहाद परिषद में शामिल होंगे.'
नए निशान के साथ लड़ा चुनाव
PTI चीफ गौहर खान ने कहा कि उनके उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे उनके पास जमा कर दिए. सभी की सहमति से इसका जल्द ऐलान हो जाएगा कि पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुन्नी इत्तेहाद परिषद में शामिल हो रहे हैं. बता दें कि इस बार इमरान खान समर्थित उम्मीदवारों ने उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह (क्रेकेट का बल्ला) छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. दरअसल, यह चुनाव चिन्ह चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था. दरअसल, इमरान खान के समर्थक उन सीटों पर अपना कब्जा चाहते हैं, जिन्हें पार्टियों की जीत के आधार पर रिजर्व रखा जाता है.
3 दिन के अंदर होना था शामिल
दरअसल, 8 फरवरी के चुनाव के नतीजों की अधिसूचना के बाद जीतने वाले स्वतंत्र उम्मीदवारों को 3 दिनों के भीतर एक पार्टी में शामिल होना था. गोहर ने यह भी कहा कि पीटीआई ने सुन्नी इत्तेहाद परिषद के साथ एक औपचारिक समझौता किया है और इसे पार्टी की ताकत के अनुसार और कानून के तहत आरक्षित सीटों को आवंटित करने के अनुरोध के साथ पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को प्रस्तुत किया जाएगा.