फ़िल्म जगत

बताया बॉलीवुड के उद्धार का इकलौता रास्ता

मुंबई

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि बॉलीवुड में फिल्ममेकर्स पिछले एक सदी से उसी तरह की फिल्में बनाते चले जा रहे हैं। एक्टर ने कहा कि उन्होंने हिंदी सिनेमा देखना बंद कर दिया है। नाराजगी जाहिर करते हुए नसीरुद्दीन ने कहा कि हिंदी सिनेमा के पास अब सिर्फ एक ही उम्मीद बची है कि फिल्ममेकर्स पैसा छापने की सोच के बगैर फिल्में बनाना शुरू करें। अ वेडनेसडे, कृष और मासूम जैसी फिल्मों का हिस्सा रहे नसीरुद्दीन एक इवेंट में शिरकत करने पहुंचे थे।

नसीरुद्दीन शाह जल्द ही डिज्नी प्लस हॉटस्टार की सीरीज शोटाइम में नजर आएंगे। इवेंट के दौरान नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि उन्होंने फिल्में देखना बंद कर दिया है और जिस तरह की फिल्में बनाई जा रही हैं वो उन्हें पसंद नहीं आ रही हैं। एक्टर ने कहा कि उन्हें यह देखकर बहुत निराशा होती है कि कैसे हिंदी सिनेमा को 100 साल पूरे हो जाने पर लोगों को गर्व महसूस होता है। फिल्मों में कुछ भी खास नहीं होने की बात कहते हुए नसीरुद्दीन ने कहा कि बहुत जल्द लोग एक ही तरह की चीजें देखते हुए बोर हो जाएंगे। उन्होंने कहा, यह बात मुझे बहुत निराश करती है कि हम हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर गर्व महसूस करते हैं, लेकिन असल में हम लगातार उसी तरह की फिल्में बनाते चले जा रहे हैं। मैंने हिंदी फिल्में देखना बंद कर दिया है।

मुझे अब वो बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती हैं। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि अगर लोग इसी तरह की फिल्में देखते रहेंगे तो इसका कोई हल नहीं निकलने वाला है। उन्होंने गंभीर फिल्में बनाने वाले मेकर्स को सलाह दी कि आज की सच्चाई को दिखाने की कोशिश करें। नसीरुद्दीन शाह ने चुटीले अंदाज में कहा, यह उनकी (गंभीर फिल्ममेकर्स की) जिम्मेदारी है कि आज की सच्चाई को इस तरह दिखाएं के उनके खिलाफ कोई फतवा ना जारी कर दिया जाए, या फिर आकर एऊ उनका दरवाजा ना खटखटा दे। वर्क फ्रंट की बात करें तो साल 2023 में नसीरुद्दीन शाह ने ‘कुत्ते’, ‘ताज’, ‘सास बहू और फ्लेमिंगो’ जैसे प्रोजेक्ट दिए हैं और अब दर्शक उनकी अपकमिंग वेब सीरीज पर नजरें गढ़ाए बैठे हैं जिसमें फिल्म इंडस्ट्री की सच्चाई की झलक मिलेगी।

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