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‘भारत मार्ट’ देगा ड्रैगन को टक्कर, PM मोदी ने दुबई में किया शिलान्यास, जानिए क्या

नई दिल्‍ली
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने बुधवार को 'भारत मार्ट' की आधारशिला रखी। यह भारतीय एमएसएमई सेक्‍टर को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच का एक प्रभावी प्‍लेटफॉर्म मुहैया कराएगा। भारत मार्ट वेयहाउसिंग फैसिल्‍टी है जो भारतीय एमएसएमई कंपिनयों को मिलेगी। यह निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत मार्ट के जरिये सरकार का प्‍लान क्‍या है, यह क्‍या है, इसे शुरू करने के पीछे मंशा क्‍या है? आइए यहां इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।

भारत मार्ट क्‍या है?

भारत मार्ट दुबई भारत सरकार की एक पहल है। इसका उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की ओर से शुरू की गई है।

क्या है भारत मार्ट, क्या करेगा काम?
इस प्रोजेक्ट को आत्मनिर्भर भारत के सपनों को उड़ाने देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 2025 तक इस प्रोजेक्ट के बनकर तैयार हो जाने और संचालन में आ जाने की उम्मीद है। इसका निर्माण डीपी वर्ल्ड करेगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह मार्ट भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के उत्पादों को  खाड़ी, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरेशिया क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने का एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा और उनके निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यह मार्ट जेबेल अली बंदरगाह के करीब बन रहा है, जो भारतीय कंपनियों को वहां वेयर हाउस सुविधा उपलब्ध कराएगा। इसकी रणनीतिक स्थिति और लॉजिस्टिक में क्षेत्र में इसकी मजबूती का लाभ उठाकर भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार को और आगे बढ़ाएगा। इस वेयर हाउस फैसिलिटी सेंटर में भारतीय MSME कंपनियों के रिटेल शोरूम,ऑफिस और गोदाम होंगे, जहां से भारतीय MSME कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच आसान हो सकेगी।

पश्चिम तक MSME कंपनियों की पहुंच आसान
कहा जा रहा है कि जो MSME कंपनियां अपने प्रोडक्ट अमेरिका, यूरोप, पश्चिमी एशिया समेत अन्य पश्चिमी देशों में अपने उत्पाद की सप्लाई करना चाहती हैं उनके लिए भारत मार्ट एक वरदान साबित होगा। इससे उनका निर्यात खर्च कम हो सकेगा और भारतीय उत्पादक एक ही छत के नीचे भारत मार्ट में कई उत्पाद शोकेस कर सकेंगे।

टेंशन में क्यों चीन?
दुबई में ही चीनी कंपनियों के प्रोडक्ट्स का एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक केंद्र ड्रैगन मार्ट है। ड्रैगन आकार में बने इस मार्ट में चीनी कंपनियों के उत्पाद भरे हैं।  यह एक लाख 50 हजार वर्ग मीटर में बना हुआ है, जहां करीब 4000 रिटेल शॉप्स हैं। अब इसी के बगल में ड्रैगन मार्ट-2 भी खुल चुका है, जहां रेस्टोरेंट, होटल और सिनेमा हॉल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

उसी शहर में अत्याधुनिक भारत मार्ट के शिलानायस हो जाने से चीन टेंशन में आ गया है। यह मार्ट 2025 तक ऑपरेशन में आ जाएगा। दरअसल, भारत और यूएई ने 2030 तक नॉन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात-निर्यात बढ़ाकर 8.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा करने का फैसला किया है। इस दिशा में भारत मार्ट संयुक्त अरब अमेरिका समेत अन्य देशों के लिए कारगर साबित होगा। चीन को यही चिंता सताए जा रही है कि अगर भारत मार्ट संचालन में आ गया तो चीनी सामानों को विदेशी बाजार में न केवल टक्कर मिलेगी बल्कि भारतीय उत्पाद मिडिस-ईस्ट, सेंट्रल एशिया, यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों के बाजार पर कब्जा जमा लेगा।

किसे होगा फायदा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह मार्ट भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को खाड़ी, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरेशिया क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने का एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा। यह उनके निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कब तक चालू होने की उम्‍मीद?

भारत मार्ट के 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। यह एक भंडारण सुविधा है जो भारतीय कंपनियों को दुबई में व्यापार करने में सक्षम बनाती है। भारतीय निर्यातकों को चीन के 'ड्रैगन मार्ट' की तर्ज पर एक ही छत के नीचे अलग-अल प्रकार के उत्पादों को शोकेस करने के लिए यह एक यूनिफाइड मंच प्रदान करता है।

कौन बनाएगा, कितना बड़ा होगा?

इसका निर्माण डीपी वर्ल्ड करेगी। भारत मार्ट के 1,00,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करने की संभावना है। यह वेयरहाउस, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी यूनिटों के कॉम्बिनेशन की पेशकश करते हुए मल्‍टीपर्पज फैसिलिटी के रूप में काम करेगा। इसका उद्देश्य एक बेस बनाना और संयुक्त अरब अमीरात से व्यापार में शामिल होना है। इस प्रोजेक्‍ट की उत्पत्ति चीन में इसी तरह की सुविधाओं की मौजूदगी है जो उनके निर्यातकों के लिए फायदेमंद रही है। यह कॉम्प्लेक्स जेबेल अली फ्री जोन (JAFZA) में बनेगा जो डीपी वर्ल्ड की कंपनी है।

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