टेस्टिंग के दौरान वंदे भारत ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया गया, रेड सिग्नल पर भी पायलट ने नहीं लगाया ब्रेक
नई दिल्ली
ट्रेनों में सुविधाओं और सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे लगातार काम कर रहा है। रेलवे द्वारा ट्रेनों में कवच सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे ट्रेनों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा सके। शुक्रवार को आगरा रेलवे मंडल द्वारा कवच सिस्टम की सफल टेस्टिंग की गई। टेस्टिंग के दौरान वंदे भारत ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया गया, इस दौरान ब्रेक का इस्तेमाल नहीं किया मगर ट्रेन रेड सिग्नल से 10 मीटर पहले ही खुद-ब-खुद रुक गई। यह टेस्टिंग 8 डिब्बों वाली वंदे भारत पर की गई है। आने वाले दिनों 16 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन पर इसका प्रयोग किया जाएगा।
रेड सिग्नल से पहले ही रुक गई ट्रेन
इस बारे में बात करते हुए आगरा रेलवे डिवीजन पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा, "पहली टेस्टिंग के दौरान लोको पायलट ने ब्रेक नहीं लगाया फिर भी 160 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही ट्रेन लाल सिग्नल से 10 मीटर पहले ऑटोमेटिक रुक गई।" रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में सभी वंदे भारत ट्रेनों में कवच सिस्टम लगा हुआ है। यदि लोको पायलट किसी भी कारण से ऐसा करने में विफल रहता है तो सिस्टम स्वयं ब्रेक लगा सकता है।
16 डिब्बों वाली वंदे भारत पर होगी कवच की टेस्टिंग
सुबह साढ़े नौ बजे मथुरा और पलवल के बीच ट्रायल शुरू हुआ। दोपहर 2 बजे तक पूरा अभ्यास अप और डाउन दोनों दिशाओं में दोहराया गया। यह टेस्टिंग आठ डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेन पर किया गया । श्रीवास्तव ने कहा कि यह टेस्टिंग अब 16 डिब्बों वाली वंदे भारत ट्रेनों के लिए किया जाएगा।
160 हो जाएगी इन ट्रेनों की स्पीड
रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों की गई इजाफा करने के लिए लगातार प्रयासरत है। जल्द ही मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेनों की गति में इजाफा किया जाएगा। वंदे भारत से लेकर तेजस और शताब्दी ट्रेनों की गति इस रूट पर 160 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो इस रूट पर मार्च से यह सुविधा शुरू की जाएगी। पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन ने इस बात की पुष्टि की है।