इस समय मंदी में फंसे हैं दुनिया के कुल नौ देश, ब्रिटेन जैसे बड़े देश भी शामिल
नई दिल्ली
जापान और ब्रिटेन की इकॉनमी में दिसंबर तिमाही में गिरावट आई है। इसके साथ ही ये दोनों देश मंदी में फंस चुके हैं। इसकी वजह यह है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भी इन देशों की जीडीपी में गिरावट आई थी। टेक्निकली अगर किसी देश की इकॉनमी में लगातार दो तिमाहियों में गिरावट आती है तो इसे मंदी कहते हैं। इस समय जापान और ब्रिटेन समेत दुनिया के नौ देश मंदी में फंसे हैं। इनमें डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, लक्जमबर्ग, मोल्दोवा, पेरू और आयरलैंड शामिल हैं। दिलचस्प बात है कि मंदी में फंसे नौ देशों में से सात यूरोप के हैं। इस लिस्ट में अफ्रीका और नॉर्थ अमेरिका का कोई देश नहीं है। एशिया से केवल एक देश जापान मंदी से जूझ रहा है जबकि दक्षिण अमेरिका का देश पेरू भी इस लिस्ट में है।
मंदी में शामिल होने वाले देशों की लिस्ट में जापान और ब्रिटेन का नाम सबसे ताजा है। दिसंबर तिमाही में जापान की इकॉनमी में 0.4 फीसदी गिरावट रही। इससे पहले जुलाई से सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी में 3.3% गिरावट आई थी। इसके साथ ही जापान दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में तीसरे से चौथे स्थान पर खिसक गया है। उसकी जगह यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी अब तीसरे नंबर पर आ गई है। ब्रिटेन के ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के मुताबिक दिसंबर तिमाही में ब्रिटेन की इकॉनमी में 0.3% गिरावट रही। इससे पहले जुलाई से सितंबर के दौरान इसमें 0.1% की गिरावट आई है। ब्रिटेन इस समय दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकॉनमी है।
चीन-अमेरिका का भी बुरा हाल
इस तरह दुनिया में टॉप 10 में शामिल दो अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में आ चुकी हैं। कई और देशों पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है। इनमें जर्मनी भी शामिल है। यूरोप की यह सबसे बड़ी इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। देश में एनर्जी की कीमत चरम पर है और किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसी तरह चीन के हालात भी लगातार खराब होते जा रहे हैं। देश में बेरोजगारी चरम पर है, लोग खर्च करने के बजाय बचत करने में लगे हैं, विदेशी कंपनियां और निवेशक मुंह मोड रहे हैं और अमेरिका के साथ तनाव चरम पर है। साथ ही अमेरिका पर भी कर्ज लगातार बढ़ रहा है और यह जीडीपी का 125 परसेंट पहुंच चुका है। यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी के लिए भी हालात ठीक नहीं हैं।