पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर पाकिस्तान के PM बनने की राह पर
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में पीएमएल एन के नेता शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो के पिता आसिफ अली जरदारी के बीच डील के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि सीनियर जरदारी अगले पाकिस्तानी राष्ट्रपति भी बन सकते हैं। इस डील के बाद नवाज शरीफ ने ऐलान किया कि शहबाज शरीफ पीएम पद संभालेंगे। इस बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई के अध्यक्ष परवेज इलाही ने बुधवार को दावा किया कि नवाज शरीफ को उनके भाई शहबाज शरीफ ने 'फंसाया' है और उनका अपमान किया है। कभी शरीफ परिवार के करीबी रहे इलाही ने कहा कि अब नवाज शरीफ को पूरा जीवन चेहरा छिपाते हुए बिताना होगा।
इलाही ने कहा कि पाकिस्तानी जनता ने लाडला को खारिज कर दिया है और इमरान खान को स्पष्ट विजेता बनाया है। इलाही ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब यह सवाल तेज हो गया है कि आखिरकार नवाज शरीफ ने अपने आपको पीछे क्यों किया। नवाज की पार्टी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उनको पीएम बनाने के नाम पर प्रचार किया था। यही नवाज शरीफ सेना के साथ डील के बाद लंदन से आए ही पीएम बनने के लिए थे और अब उनके पीछे हटने से इसको लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है। वहीं पाकिस्तान के कई विश्लेषकों का कहना है कि नवाज शरीफ ने अपनी बेटी के राजनीतिक करियर को पंजाब प्रांत में आगे बढ़ाने के लिए यह कुर्बानी दी है।
पंजाब में पर्दे के पीछे से सरकार चलाएंगे नवाज शरीफ
पंजाब पाकिस्तान का सबसे शक्तिशाली प्रांत है और यही से पूरे देश की राजनीति तय होती है। पंजाब अब तक शरीफ परिवार का गढ़ था लेकिन इमरान खान ने इसमें सेंध लगा दी है। यही वजह है कि नवाज शरीफ को अपनी जमीन खोती दिख रही है। विश्लेषकों के मुताबिक मरियम नवाज भले ही पंजाब की सीएम बनेंगी लेकिन सरकार पर्दे के पीछे से नवाज शरीफ चलाएंगे और अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित करेंगे। वहीं मरियम ने कहा है कि पिता नवाज शरीफ किसी गठबंधन सरकार का नेतृत्व नहीं करना चाहते थे। पाकिस्तान के चुनाव इस बार अनपेक्षित रहे, जिसमें इमरान खान की पार्टी से समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने बड़ी संख्या में सीटें जीतीं।
मरियम नवाज ने कहा, 'नवाज़ शरीफ चौथी बार पीएम बनना चाहते थे, लेकिन विभाजित जनादेश के बाद उन्होंने शीर्ष पद से नाम वापस ले लिया… जो लोग नवाज़ को जानते हैं, वे यह भी जानते हैं कि उन्हें गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा, 'यह कहना गलत है कि नवाज ने राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। वह केंद्र और पंजाब सरकारों की निगरानी करेंगे और अपनी भूमिका निभाएंगे… शहबाज और मैं उनके सैनिक हैं, उनकी आज्ञा का पालन करने के लिए बाध्य हैं।'