उत्तर प्रदेश

राज्‍यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपना आठवां उम्‍मीदवार उतार दिया, दिलचस्‍प हुआ मुकाबला

लखनऊ
राज्‍यसभा की 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में अब बीजेपी गठबंधन और समाजवादी पार्टी गठबंधन के बीच मुकाबला दिलचस्‍प हो चला है। बीजेपी ने इस चुनाव में अपना आठवां उम्‍मीदवार उतार दिया है। संजय सेठ ने गुरुवार की दोपहर उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में अपना पर्चा भरा। इसके पहले बुधवार को बीजेपी के सात उम्‍मीदवारों ने पर्चा भरा था। बीजेपी के पास आठवें उम्‍मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्‍त संख्‍या बल नहीं है। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी तीन उम्‍मीदवारों को राज्‍यसभा चुनाव में उतारा है जिनके लिए उसे कम से कम एक अतिरिक्ति वोट की जरूरत पड़ेगी। राज्‍यसभा की 10 सीटों के लिए अब 11 उम्‍मीदवार हो गए हैं। यदि किसी ने पर्चा वापस नहीं लिया तो 27 फरवरी को चुनाव होगा।

राज्‍यसभा की एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए विधानसभा के 37 सदस्‍यों के प्रथम वरीयता वोटों की जरूरत होगी। यूपी विधानसभा में इस वक्‍त चार सीटें खाली हैं। कुल 399 विधायकों में से 252 बीजेपी के हैं। बीजेपी को एनडीए में शामिल अपना दल (सोनेलाल पटेल) के 13 , निषाद पार्टी के छह, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायकों का भी समर्थन है। इसके साथ ही हाल में एनडीए गठबंधन का हिस्‍सा बनी रालोद के नौ विधायक भी उसके साथ हैं। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के जनसत्‍ता दल के दो सदस्‍यों का भी समर्थन बीजेपी को मिल सकता ळै। कुल मिलाकर बीजेपी को सात उम्‍मीदवार जिताने के बाद आठवें उम्‍मीदवार के लिए कम से कम 14 अतिरिक्‍त वोटों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा से बुधवार को  पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व सांसद तेजवीर सिंह, पूर्व मेयर नवीन जैन, पूर्व मंत्री संगीता बलवंत, प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य और पूर्व विधायक साधना सिंह ने नामांकन दाखिल किया था। गुरुवार की दोपहर संजय सेठ ने आठवें उम्‍मीदवार के तौर पर नामांकन किया।

वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से मंगलवार को आलोक रंजन, जया बच्चन और रामजी लाल सुमन नामांकन दाखिल कर चुके हैं। सपा के पास 108 विधायक हैं। कांग्रेस के विधायकों को जोड़ने के बाद भी तीसरे उम्‍मीदवार की जीत के लिए कम से कम एक वोट की जरूरत पड़ेगी। राज्‍यसभा के लिए यूपी में 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में पहले से मौजूद थे। गुरुवार को 11वां उम्मीदवार आने की वजह से चुनाव होना तय माना जा रहा है।

पल्‍लवी की नाराजगी ने बढ़ाई सपा की परेशानी
राज्‍यसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों के नाम घोषित होते ही सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव पद से स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने इस्‍तीफा दे दिया तो पार्टी विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्‍लवी पटेल की भी नाराजगी सामने आ गई। पल्‍लवी पटेल के रुख से उम्‍मीद जताई जा रही है कि हो सकता है कि वे मतदान के दौरान उनका समर्थन न करें। वहीं, 2019 में भाजपा में शामिल होने से पहले संजय सेठ सपा में ही थे। सपा के कई नेताओं से उनके अच्‍छे रिश्‍ते रहे हैं।

 

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