महामति प्राणनाथ जी की वाणी आज भी समाज को एक सूत्र में बाँधने का संदेश देती है : मोहन प्रियाचार्य
श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर सतना के 152 वें वर्ष पर तीन दिवसीय अखण्ड पाठ का शुभारंभ

सतना। श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर सतना की आध्यात्मिक और सामाजिक सेवाओं के गौरवशाली 152 वर्ष पूर्ण होने पर 20 नवम्बर गुरुवार को तीन दिवसीय श्रीअखण्ड पाठ का भव्य शुभारंभ भक्ति और उत्साह के साथ हुआ। मंगलधाम, कालिंपोंग से पधारे गुरुजी मोहन प्रियाचार्य महाराज ने अपने करकमलों से अखण्ड पाठ का शुभारंभ किया। पूज्य गुरुजी ने अपने प्रवचन में कहा कि महामति प्राणनाथ जी की अमृत वाणी ने लगभग 400 वर्ष पूर्व समाज को एकता, सत्य और प्रेम के सूत्र में बांधने का कार्य किया। आज राष्ट्र जिस परिस्थिति से गुजर रहा है, उसमें महामति प्राणनाथजी के उपदेशों का समाज में प्रचार और आत्मसात करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस मंदिर के डेढ़ सौ वर्षों की इस यात्रा में संतों और भक्तों ने तन-मन-धन से समर्पण भाव दिखाया है, अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनकी प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए समाज, देश और अपने नगर के उत्थान के लिए मंदिर के माध्यम से सेवा का संदेश घर-घर तक पहुंचाए।
समाज सेवा और नई पीढ़ी को जुड़ने का आह्वान
गुरुजी ने आगे कहा कि आने वाली पीढ़ी को मंदिर से जोड़ना और महामति प्राणनाथ जी की शिक्षाओं को आत्मसात कर समाज में उनका प्रसार करना समय की मांग है। उन्होंने सुन्दरसाथों से आग्रह किया कि पूर्व संतों के आदर्शों को जीवन में उतारें और मंदिर के माध्यम से जनसेवा का कार्य निरंतर जारी रखें। इस अवसर पर भोपाल से पधारे भोपाल श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर महंत रूपराज महाराज, श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर सतना महंत साध्वी निर्मला माता जी, प्रणामी विश्व समाचार पत्र के संपादक प्रकाश शर्मा, नेपाल से पधारे देवी प्रसाद खनाल, मऊ से महामति प्राणनाथ महाविद्यालय के प्रबंधक सुंदरलाल सुमन, श्रवण कुमार, शशीकांत शर्मा, कमल मिढ्ढा, अकांशु खुराना, वंदना खुराना, राजेश धामी सहित सतना के अनेक प्रबुद्ध सुन्दरसाथ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
वाणी को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता : रूपराज महाराज
भोपाल के महंत रूपराज महाराज ने सुन्दरसाथों को संबोधित करते हुए कहा कि निजानंद सम्प्रदाय की अमृत वाणी और महामति प्राणनाथ जी के संदेशों को युवाओं तक पहुंचाना आज बेहद जरूरी है। समाज में इस अमृत वाणी का प्रचार-प्रसार कर हम एकता, सद्भाव और आत्मशांति को सशक्त बना सकते हैं। मंदिर महंत साध्वी निर्मला माता ने सभी आगंतुक संतों, सुन्दरसाथों और भक्तजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन समाज की आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय अखण्ड पाठ का समापन 22 नवम्बर की सुबह भक्ति भाव से किया जाएगा। इस दौरान 21 व 22 नवम्बर को सतना सुन्दरसाथ जी द्वारा विविध भजन-संकीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
धर्म के साथ शिक्षा जीवन में बहुत काम आती है : गुरुजी
श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर ट्रस्ट व्दारा संचालित श्री निजानंद सरस्वती कन्या विद्यालय पहुंचने पर पूज्य गुरुजी मोहन प्रियाचार्य महाराज का स्कूल शिक्षकों एवं बच्चों नें आत्मीय स्वागत किया। गुरुजी नें बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में पढ़ाई का बहुत बड़ा महत्व है। हमे अपने जीवन के प्रारंभ काल में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है। हमें पढ़ाई के साथ धर्म से जुड़ना भी जरुरी है जिससे हम समाज के साथ देश की भी सेवा कर सकें। प्रणामी समाज व्दारा देश में अलग-अलग शहरों में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है। प्रणामी समाज व्दारा चित्रकूट मऊ में महामति प्राणनाथ महा विद्यालय संचालित है जिसके प्रबंधक सुन्दरलाल सुमन आए हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में प्रणामी समाज व्दारा लगातार काम चल रहा है।




