गुरु गोबिंद सिंह जी का तप स्थल हेमकुंड साहिब
भक्त यात्रा 10 मई से कर सकेंगे, 7 बड़े पर्वतों से घिरा है यह धार्मिक स्थल
चमोली,(RIN)। सिख धर्म का पवित्र स्थल जो चामोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा श्रध्दालु 10 मई से कर सकेंगे। सिख धर्म का ये पवित्र स्थल चामोली जिले में स्थित है। ये जगह करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर है और सात बड़े पर्वतों से घिरी है। यहां का वातावरण काफी ठंडा रहता है। यहां समय-समय पर बर्फबारी होती रहती है। इसीलिए साल में करीब आठ महीने ये जगह भक्तों के लिए बंद ही रहती है। हेमकुंड साहिब के पास ही एक बड़ा तालाब भी है। मान्यता है कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें गुरु गुरुगोबिंद सिंह ने करीब 20 वर्षों तक कठोर तप किया था। जिस जगह गुरुजी ने तप किया था, वहीं ये गुरुद्वारा स्थित है। गुरुद्वारे के साथ ही पवित्र सरोवर भी है, जिसे हेम सरोवर कहते हैं। गुरुद्वारे में माथा टेकने से पहले सिख श्रद्धालु इस पवित्र सरोवर में स्नान भी करते हैं। पास ही में भगवान लक्ष्मण का भी एक मंदिर है। कहते हैं गुरुगोबिंद सिंह ने भी इस मंदिर में पूजा की थी। गुरु गोबिंद सिंहजी के यहां आने से पहले भी इस जगह का धार्मिक महत्व था। इस स्थान को पहले लोकपाल कहा जाता था। हेमकुण्ड साहिब के पास सप्तऋषि चोटियां भी हैं। यहां खालसा पंथ का प्रतीक निशान साहिब ध्वज लगा हुआ है।
मंदिर से जुड़ी मान्यता
एसी मान्यता है कि श्रीराम के भाई लक्ष्मण का पिछला अवतार शेषनाग था। शेषनाग लोकपाल झील में तप करते थे और विष्णु भगवान उनकी पीठ पर विश्राम करते थे।
हेमकुंड साहिब आने का सही समय
हर साल जून में हेमकुंड साहिब को खोला जाता है, लेकिन इस साल 10 मई से ही यात्रा शुरू हो जाएगी। आमतौर पर अक्टूबर तक हेमकुंड साहिब श्रद्धालुओं के खुला रहता है। इस समय में यहां का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान -4 डिग्री तक रहता है। अगस्त के बाद यहां भी बारिश शुरू हो जाती है।