मध्यप्रदेश

प्रदेश में पुलिस बल की स्थिति…

इंदौर

प्रदेश के चार बड़े शहरों में सबसे बड़ा शहर इंदौर पुलिस बल के मामले में आकी बाड़े शहरों से कमजोर है। यहां पर प्रदेश के चारों बड़े शहरों में सबसे कम बल इस जिले को ही मिला हुआ है। यह जानकारी हाल ही में सामने आई है। जिसमें यह बताया गया कि आरक्षक से उपनिरीक्षक तक का बल इस जिले में भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर से कम हैं। इन सभी जिलों में पुलिस बल बढ़ाने के लिए हाल ही में आरक्षकों की भर्ती की परीक्षा अयोजित की गई, लेकिन उसका परिणाम जारी नहीं हो सका है।

इंदौर जिले की आबादी 33 लाख को पार कर चुकी है, लेकिन पुलिस बल यहां पर कम है। यहां पर उपनिरीक्षक से लेकर आरक्षक यानि वर्ग तीन में कार्यरत पुलिसकर्मियों की संख्या 2 हजार 921 है। जबकि करीब 25 लाख की आबादी वाले भोपाल में वर्ग तीन में कार्यरत पुलिसकर्मियों की संख्या 5 हजार 334 है। इसी तरह प्रदेश के बढ़े शहरों में शुमार ग्वालियर में इसी वर्ग के पुलिसकर्मियों की संख्या 3 हजार 235 और जबलपुर में 3 हजार 116 है। इन चारों शहरों में वर्ग तीन के कार्यरत पुलिसकर्मियों की संख्या सबसे कम इंदौर में ही है।  इसके अलावा उज्जैन में 1 हजार 952 और सागर में 1 हजार 891 वर्ग तीन में कार्यरत पुलिसकर्मियों की संख्या है।

अशोकनगर में प्रदेश का सबसे कम बल
प्रदेश का सबसे कम पुलिस बल अशोकनगर जिले में हैं। इस जिले में 372 पुलिसकर्मी वर्ग तीन के पदस्थ हैं। इसके बाद निवाड़ी जिले में इस वर्ग के पुलिसकर्मियों की संख्या 418, आगर मालवा में 437 है।

जिस शहर में बन रहे थे पटाखे उसमें 500 भी पुलिसकर्मी नहीं
हरदा जिले में वर्ग तीन में कार्यरत पुलिसकर्मियों की संख्या 500 भी नहीं हैं। इस जिले में महज 496 इस वर्ग के पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। इस वर्ग के ऊपर निरीक्षक, डीएसपी, एसएसपी और पुलिस अधीक्षक ही होते हैं। इनकी संख्या जिलों में उंगलियों पर गिनने जितनी होती है। हरदा से सटे नर्मदापुरम जिले में 565 पुलिसकर्मी पदस्थ हैं।

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