मध्यप्रदेश

शून्यकाल में बात रखने पहली बार के विधायकों को 20 मिनट

भोपाल

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने पहली बार के विधायकों को प्रोत्साहित करने और सदन में अपनी बात कहने के लिए शून्यकाल में बीस मिनट का समय देने का फैसला किया है। विस अध्यक्ष तोमर ने आसंदी से कहा कि वे प्रतिदिन की कार्यवाही में प्रश्नकाल के बाद बीस मिनट का समय तय कर रहे हैं, जिसमें नियम 267 के तहत पहली बार के विधायक अपनी लिखित सूचना के माध्यम से शून्यकाल में अपनी बात रख सकेंगे।

इसके तहत पहली बार के विधायकों को प्राथमिकता मिलेगी, लेकिन यदि अन्य वरिष्ठ विधायकों के मुद्दे गंभीर होंगे तो उनकी सूचनाएं भी शून्यकाल में शामिल की जाएगी। इस नई व्यवस्था के लिए संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पीकर को धन्यवाद दिया। इस व्यवस्था की शुरूआत आज से ही हो गई थी। आज पहली बार के तीन विधायकों ने सूचना दी थी। इससे पहले कल विस अध्यक्ष ने लोकहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न की कंडिका में बदलाव किया था। जिसके तहत अब लंबित प्रश्नों के उत्तर विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी दिया जाएगा। सदन में शुक्रवार को कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी सीट पर बैठकर सवाल करने की नसीहत दी। दरअसल हुआ कुछ ऐसा था कि सदन में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार नहीं आए थे।

उनकी खाली सीट पर जाकर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे बैठ गए। जिस पर मंत्री विश्वास सारंग ने आपत्ति लेते हुए कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष को नेता प्रतिपक्ष की सीट पर नहीं बैठना चाहिए। जिस पर अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की सीट पर नहीं बैठना चाहिए। इसलिए उपनेता प्रतिपक्ष को भी नेता प्रतिपक्ष की सीट पर नहीं बैठना चाहिए। इसके बाद हेमंत कटारे उठकर अपनी सीट पर चले गए।

द्वितीय अनुपूरक पर चर्चा शुरू
गुरुवार को पेश किए गए 30,265 करोड़ के अनुपूरक बजट चर्चा शुरू हो गई है। चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने दो घंटे का समय तय किया है। आज की कार्य सूची में शामिल सभी याचिकाओं और आवेदनों को पढ़ा माना गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button