मार्च के ही दूसरे सप्ताह में आम चुनाव का ऐलान होगा
नईदिल्ली
लोकसभा चुनाव 2024 के ऐलान में अब करीब एक महीने का ही वक्त बचा है। चुनाव आयोग की टीमों ने आंध्र प्रदेश का दौरा कर लिया है और वहां चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया है। अब 20 फरवरी को आयोग की टीम का बिहार दौरा है और उससे पहले ही 15 तारीख को ओडिशा में टीम पहुंचेगी। इस टीम में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार समेत 8 अधिकारी शामिल होंगे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार आयोग की टीमें मार्च के पहले सप्ताह तक सभी राज्यों में तैयारियों को परख लेंगी। उसके बाद मार्च के ही दूसरे सप्ताह में चुनाव का ऐलान हो जाएगा।
चुनाव की शुरुआत ऐलान के कम से कम 28 दिन बाद ही हो सकती है। इस तरह पहले चरण का मतदान भी अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक होने की संभावना जताई जा रही है। चुनाव का यह पूरा कैलेंडर कमोबेश 2019 के आम चुनाव जैसा ही होगा, जब निर्वाचन आयोग ने 10 मार्च को इलेक्शन का ऐलान किया था और 24 मई को प्रक्रिया समाप्त हो गई थी। राज्यों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था समेत कई पहलुओं का जायजा चुनाव आयोग की टीमें लेती हैं। उसके बाद जब तैयारियों को परख लिया जाता है तो फिर प्रक्रिया शुरू की तैयारी होती है।
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आयोग ने सबसे पहले आंध्र प्रदेश का दौरा 10 और 11 जनवरी को किया था। अब 15 से 17 तक ओडिशा का प्लान है। इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में यहां ज्यादा तैयारियों की जरूरत होगी। ओडिशा के बाद टीम बिहार पहुंचेगी। फिर तमिलनाडु का प्लान है। सूत्रों के अनुसार इसी महीने के अंत तक यूपी और बंगाल का दौरा भी होगा। जम्मू-कश्मीर भी टीम जाएगी और वहां विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी व्यवस्थाओं को परखा जाएगा। कहा जा रहा है कि एक बार गृह मंत्रालय से सुरक्षा आदि पर मंजूरी मिलने के बाद वहां विधानसभा इलेक्शन भी कराए जा सकते हैं।
रिटायर हो रहे चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय, नए अफसर का होगा चयन
बता दें कि चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय रिटायर भी होने वाले हैं। ऐसे में लोकसभा इलेक्शन से पहले नए चुनाव आयुक्त का भी चयन होना है। इसे लेकर पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पहली मीटिंग कर ली है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव होने तक तीन निर्वाचन आयुक्त हो जाएंगे। अनुमान है कि इस बार लोकसभा चुनाव के लिए देश भर में करीब 11.8 लाख बूथ बनेंगे। यही नहीं देश भर में मतदाताओं की संख्या भी बढ़कर करीब 95 करोड़ हो सकती है। 2019 में यह आंकड़ा 90 करोड़ का था।