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नीतीश के लौटने के बाद भी बिहार में NDA को नुकसान

पटना.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन छोड़कर एनडीए में वापसी कर ली है। बीजेपी, जेडीयू और एनडीए में शामिल अन्य दलों के नेता राज्य की 40 में से 40 लोकसभा सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। मगर हाल ही में जारी सर्वे  में नीतीश की एनडीए में वापसी के बावजूद बीजेपी नीत गठबंधन को 2024 के चुनाव में नुकसान होता दिख रहा है।

वहीं, आरजेडी और कांग्रेस को फायदा हो सकता है। हालांकि, इस सर्वे में देश में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है। टाइम्स नाऊ और मैट्रिज एनसी ने लोकसभा चुनाव 2024 के ओपिनियन पोल के आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक बिहार में एनडीए को 40 में से 35 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है। सर्वे में महागठबंधन को 5 सीटों पर विजयी होने की बात कही गई है। 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो बिहार में एनडीए ने 40 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि महागठबंधन से सिर्फ कांग्रेस ही एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी थी। आरजेडी को अपनी सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

नीतीश के साथ आने से बीजेपी को नुकसान
लोकसभा चुनाव की घोषणा में अब कुछ दिनों का वक्त बचा है। सभी पार्टियां इस चुनाव की तैयारी में जोरशोर से जुट चुकी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर बड़ा दांव खेल लिया। जेडीयू के आने से एनडीए मजबूत हुआ है। एनडीए के नेता क्लीन स्वीप का दावा कर रहे हैं। हालिया सर्वे में गठबंधन को पांच सीटों का नुकसान मिलता नजर आ रहा है।
एनडीए और महागठबंधन में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। सीट शेयरिंग होने के बाद स्थिति थोड़ी बदल सकती है। दूसरी ओर, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी भी एक बड़ी चुनौती है। फिर भी सर्वे के अंदर एनडीए को बिहार और देश में मजबूत स्थिति में दिखाया गया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की। इससे अति पिछड़ा वोटर प्रभावित हो सकते हैं। इसका फायदा आगामी चुनाव में एनडीए को मिल सकता है।

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