मध्यप्रदेश

कुटीर एवं ग्रामोद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ , ग्रामीण उद्योगों से ही गांव के छोटे कारीगरों की आजीविका चलती- – राज्यमंत्री जायसवाल

भोपाल

कुटीर एवं ग्रामोद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। इन ग्रामीण उद्योगों से ही गांव के छोटे कारीगरों की आजीविका चलती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूत होने से ही देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है और इसीलिए यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर हाथ को काम के सपने को पूरा करने वाला विभाग है। इस सपने को साकार करने के लिये विभाग के सभी अधिकारी वोकल फॉर लोकल के तहत खादी, हथकरघा, हस्तशिल्प, मिट्टी, बर्तन, बांसकला व अन्य ग्रामीण उत्पादों की व्यापक स्तर पर मार्केटिंग करें, जिससे इन उत्पादों की मांग बढ़े। मांग बढ़ने से बिक्री बढेगी जिसका सीधा लाभ कारीगरों को मिलेगा। मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुये कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने आज यह निर्देश दिये। बैठक में अपर मुख्य सचिव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मनु श्रीवास्तव, सचिव ललित दाहिमा, आयुक्त रेशम मदन नागरगोजे, प्रबन्ध संचालक, हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम, प्रबन्ध संचालक, मप्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा आयुक्त हस्तशिल्प एवं हथकरघा मोहित बुंदस, उप सचिव जीएस आर्य सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक राज्यमंत्री जायसवाल ने निर्देश दिये कि हस्तनिर्मित ग्रामीण उत्पादों के प्रति आमजनों की अभिरुचि के अनुरुप इन उत्पादों को अपग्रेड कर और बेहतर बनाया जाये। विभागीय ब्रान्ड्स की यूटीलिटी बढायें और इन ब्रान्ड्स का प्रस्तुतीकरण इस तरह से करें कि दिनोंदिन इनकी मांग बढे। उन्होंने निर्देश दिये कि जनजातीय बाहुल्य शहडोल संभाग में एक हथकरघा प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करें, ताकि इस विधा से अधिकाधिक रोजगार सृजन हो सकें। विभागीय बजट का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाये। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अधिकाधिक जरुरतमंदों को आजीविका उत्पादन प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ें। विभागीय कामों और गतिविधियों में और तेजी लायें ताकि लक्ष्यापूर्ति में कोई कमी न रहे।

बैठक में बताया गया कि शहडोल शहर में खादी ग्रामोद्योग एम्पोरियम शुरु कर दिया गया है। बांधवगढ में मृगनयनी और छतवई गांव में सामान्य सुविधा केन्द्र संचालित है। छतवई में विक्रय केन्द्र भी शुरु किया जा रहा है। जायसवाल ने निर्देश दिये कि राज्य के सभी बडे शहरों में तेलघानी केन्द्र प्रारम्भ किये जायें। कच्ची घानी का तेल के केन्द्रों की संख्या बढाई जाये। पुलिस, होमगार्ड्स, वन, स्कूल शिक्षा, आईटीआई एवं अन्य विभागों में जहां वर्दी/गणवेश का क्रय किया जाता है, उन विभागों में इनकी आपूर्ति खादी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा ही की जाये। विन्ध्या वैली ब्रान्ड के उत्पादों का मप्र में विक्रय के साथ-साथ अन्य प्रदेशों में भी विक्रय के लिए मार्केटिंग की जाये।

बैठक में बताया गया कि कालीन पार्क ग्वालियर के लिये 30 करोड़ रुपये एवं अरबन हाट गौहर महल के लिये 2.65 करोड़ रुपये का विकास प्रस्ताव मंजूरी के लिये भारत सरकार को भेजा गया है। खादी उत्पादों के विकास के लिये एमएसएमई विभाग की स्फूर्ति योजना के अंतर्गत सागर, देवास, महेश्वर में पांच नये प्रोजेक्ट लाने की तैयारी की जा रही है। कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के कामों में आमूलचूल तेजी लाने के लिये राज्यमंत्री जायसवाल ने विभाग में मानव संसाधन (स्टाफ) की कमी दूर करने के लिये अधिकारियों को विशेष प्रयास कर रिक्त पदों की शीघ्र पूर्ति करने की हिदायत दी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button