मध्यप्रदेश

हरदा फटाका फैक्ट्री ब्लास्ट में 108 ने निभाई संजीवनी की भूमिका, 176 लोगो को पहुंचाया अस्पताल

  • डेढ़ सौ से अधिक एम्बुलेंस द्वारा घायलों को त्वरित हॉस्पिटल पहुँचाया गया
  • लगभग 176 लोगो को 108 एंबुलेंस सेवा द्वारा सेवा प्रदान की गई

हरदा
फटाका फैक्ट्री ब्लॉस्ट में शासन – प्रशासन के साथ डायल 108 की टीम ने अत्यंत सार्थक भूमिका निभाई। 108 की टीम की 160 से भी अधिक एम्बुलेंस की मदद से घायलों को त्वरित आपातकालीन सेवा प्रदान की गई। 108 टीम की सूझबूझ और अनुभव इस हादसे में कई जिंदगियां बचाने में मददगार साबित हुई।

सबसे पहले सुबह 11.40 पर हादसे की सूचना मिलते ही सबसे पहले हरदा में तैनात एंबुलेंस को संपर्क किया गया और पटाखा फैक्ट्री की ओर भेजा गया। कॉल सेंटर में आ रहे कॉल की संख्या बढ़ते ही 11.45 बजे एंबुलेंस कंट्रोल रूम में तैनात अफसरों ने हरदा समेत सभी एंबुलेंस को पटाखा फैक्ट्री के लिए मूव कर दिया। साथ ही हरदा में डिस्ट्रिक्ट को-आर्डिनेटर और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से चर्चा कर मामले में पूरी प्रतिबद्धता के साथ सेवा प्रदान की गई।

जैसे ही मरीजों की संख्या की जानकारी प्राप्त हुई नजदीकी सभी एंबुलेंस को अन्य जिलों से सेवा के लिए लगाया गया। हरदा में इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, बेतुल, रायसेन, हरदा, सीहोर देवास, खंडवा, धार एवं बुरहानपुर जिले से एंबुलेंस को भेजा गया। दोपहर के 3 बजते-बजते प्रदेश के 11 शहरों की 160 से अधिक  एंबुलेंस को हरदा फैक्ट्री हादसे में घायल हुए लोगों की सेवा हेतु तैनात किया गया।

कंट्रोल रूम की रही सक्रिय भूमिका
एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के कंट्रोल रूम द्वारा 108 टीम को लगातार निर्देश दिए गए और एंबुलेंस को तैनात करने में प्रमुख भूमिका निभाई गई।

घायलों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने कंट्रोल रूम कॉल सेंटर टीम को छोटी-छोटी यूनिट में बांटा गया
हर टुकड़ी को एक-एक जिले का काम दिया गया जिससे फॉलो ऑफ करके लोगों की मदद करने में आसानी हुई। सभी टुकड़ियों ने अपने निर्देश अनुसार एंबुलेंस को लगातार फॉलो कर कर मदद पहुंचाने में सहायता कर और उनके लाइनअप में काफी मदद की। हर यूनिट को अलग-अलग डिपार्टमेंटल हेड ने लीड कर कॉल सेंटर हेड, क्वालिटी हेड, ऑपरेशन हेड और मीडिया डिपार्टमेंट के हेड ने लगातार कोऑर्डिनेशन करके हादसे की कमान संभाली।

रियल टाइम मॉनिटरिंग सेल का उपयोग किया गया  लगातार एंबुलेंस को कॉल कर यथा स्थिति जानी और उनकी लाइव लोकेशन को जीपीएस के माध्यम से लगातार चेक करते रहे। एंबुलेंस को जल्द से जल्द घटना स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए गए। रियल टाइम मॉनिटरिंग सेल की करीब 10 लोगों की टीम में लगातार कोऑर्डिनेशन बनाए रखा। कॉल सेंटर कंट्रोल रूम में  लगभग 120 एजेंट मौजूद थे जिनको स्पेशल टुकड़ियों बनाकर मामले की जरूर को समझते हुए प्राथमिकता पर एंबुलेंस भेजी गई।

इसी प्रकार की यूनिट फील्ड में भी बनाई गई 11 जिले से जिला अधिकारियों को हरदा भेजा गया और वहां की स्थिति को संभालने की हर संभव कोशिश की गई। उन सभी ने लगातार कोऑर्डिनेशन करके भोपाल इंदौर एवं होशंगाबाद मरीज को भेजने के लिए जिला अस्पताल से एंबुलेंस की व्यवस्था कराई। सभी एंबुलेंस को जरूरत के अनुसार प्रमुख रूप से दो भागों में बांटा गया पहली यूनिट घटना स्थल पर मौजूद रहा और दूसरा यूनिट जिला अस्पताल पर भेजा गया जिससे आगे मरीजों को भेजने हेतु सुविधा दी जा सके।

जीवन रक्षक संजीवनी एम्बुलेंस के रूप में मौजूद ईएमटी एवं पायलट ने अपनी पूरी प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ जरूरतमंदों को हर संभव मदद कर अस्पताल पहुंचाया और आगे भी अस्पतालों तक इंटर फैसिलिटी ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी माहिया कराई। अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार एंबुलेंस से मरीजों को अस्पताल की ओर शिफ्ट किया गया और जैसे ही एंबुलेंस फ्री हुई उसने अगली मरीज को लेने के लिए तुरंत रवाना हो गई। इस माध्यम से घटना स्थल से करीब 137 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया एवं अस्पताल से भोपाल, इंदौर और होशंगाबाद हॉस्पिटलों के लिए इंटर फैसिलिटी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की गई।

पूरे दिन कंट्रोल रूम में मौजूद रहे अधिकारी
मामले की गंभीरता को समझते हुए अधिकारी कंट्रोल रूम में मौजूद रहे एनएचएम से कंसलटेंट श्री दिनेश चतुर्वेदी, श्री त्रिभुवन जाड़िया और जय अंबे एम्बुलेंस सर्विसेज के स्टेट हेड श्री मनीष सिंह लगातार मॉनिटरिंग करते रहे और मामले की लाइव मॉनिटरिंग की जानकारी एमडी एनएचएम एवं irts डायरेक्टर को भी अपडेट देते रहे ।

एयरपोर्ट एवं हमीदिया स्टैंड बाय एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की व्यवस्था की गई
आने वाले गंभीर मामलों को देखते हुए आगे के मरीज के परिवहन हेतु स्टैंड बाय एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। करीब चार एंबुलेंस की व्यवस्था प्राथमिकता पर की गई।

इनका कहना
मध्य प्रदेश 108 एम्बुलेंस सेवा सभी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में सेवा प्रदान करने के लिए समर्थ है और सदेव तत्पर है। यह हादसा अब तक का सबसे बड़ा 108 एंबुलेंस द्वारा किया गया ऑपरेशनों में से एक है। 108 एंबुलेंस स्टाफ में अपनी सूझबूझ एवं अनुभव का परिचय देते हुए सभी जरूरतमंदों की पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ लोगो सेवा दी गई है । हम आज भी कुछ मरीजों को भोपाल और इंदौर शिफ्ट कर रहे हैं।
तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, मध्य प्रदेश 108 एंबुलेंस सेवा

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