देश

अगर आप लिव-इन में रह रहे हैं तो कराना होगा रजिस्ट्रेशन, नहीं तो होगी 6 महीने की जेल

देहरादून
अगर आप उत्तराखंड में रहते हैं और लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं या ऐसी रिलेशनशिप में रहने की सोच रहे हैं तो आपको संबंधित जिले में अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो छह महीने तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। उत्तराखंड विधानसभा में आज पेश किए गए समान नागरिक संहिता (UCC) बिल में इसका प्रावधान किया गया है। ड्राफ्ट बिल के प्रावधानों के मुताबिक, अगर यह बिल कानून बन जाता है तब प्रदेश में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों या लिव-इन में रहने की तैयारी करने वालों को इसका रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिल में यह भी कहा गया है कि अगर ऐसे जोड़ों की उम्र 21 साल से कम है तो उन्हें अपने-अपने माता-पिता से इसकी अनुमति या सहमति लेनी होगी। बिल में यह भी कहा गया है कि अगर आप उत्तराखंड के निवासी नहीं हैं लेकिन उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं तो उन्हें भी अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा।

यूसीसी विधेयक के लिए बुलाए गये उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विधेयक को पेश किया। मुख्यमंत्री द्वारा विधेयक पेश किये जाने के इस दौरान सत्तापक्ष के विधायकों ने 'भारत माता की जय, वंदे मातरम और जय श्रीराम' के नारे भी लगाये। प्रदेश मंत्रिमंडल ने रविवार को यूसीसी मसौदे को स्वीकार करते हुए उसे विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने की मंजूरी दी थी।

चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था । यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था। वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी ।

कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है। यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एकसमान विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button