700 करोड़ का भुगतान किया जाना है मेट्रो को
भोपाल
राजधानी में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट स्पीड में कमी आयी है। इसके चलते इसके समय परचलने के आसार कम नजर आ रहे हैं। इसका 40 फीसदी से ज्यादा काम पूरा करना है। इसके काम की स्पीड धीमी होने की वजह ठेकेदारों का पेमेंट भी माना जा रहा है क्योंकि उनको 700 करोड़ का भुगतान किया जाना है। अब यह लग रहा है कि यदि माह में तीन प्रतिशत की दर से काम चला तो बचा गया 40 प्रतिशत का काम, पूरा करने का कम से कम 12 से 15 माह का समय लग जाएगा। मेट्रो के काम को समय पर पूरा करने के लिये पहले यहां पर दुगने श्रमिकों को लगाया गया था। लेकिन अब 20 फीसदी वर्कर भी काम नहीं कर रहे हैं। इस समय पूरे प्रोजेक्ट में 100 से 150 मजदूर काम कर रहे हैं, जबकि इनकी संख्या 600 से 700 के बीच रहती है। इससे अगले महीने इसका होने वाला कर्मिशल रन भी अधर में लटक सकता है।
वजह : क्यों हुआ काम स्लो
मेट्रो रूट की वर्किंग पर ध्यान दिया जाए तो काम की धीमी गति की स्थिति रानी कमलापति से सुभाषब्रिज तक के मेट्रो स्टेशन पर देखी जा सकती है। अक्टूबर 2023 से पहले इन देशों में पूरी तरह से तैयारी होने की घोषणा की गई थी। उस समय कहा गया था कि सिर्फ कुछ ही कार्पोरेट काम बचा है, लेकिन स्थिर स्थिति में इनके अंदर और बाहर की सेंटिंग ही नहीं हट पाई है।