छत्तीसगढ़ी फिल्मो के साथ 70 से अधिक भोजपुरी फिल्म के हैं नामचीन कॉमेडियन
रायपुर
हास्य कलाकार की बात की जाए तो सबसे पहले संजय महानंद का नाम सामने आता है क्योंकि वे अपनी हास्य कलाकारी से दर्शकों के बीच अच्छी-खासी पहचान बनाए हुए है। रंगमंच से सिनेमा तक का उनका सफर 28 वर्षों का है, इस दौरान उन्होंने कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों के साथ हिन्दी ,भोजपुरी फिल्मों में भी अभिनय कर चुके हैं। आगामी 9 फरवरी को उनकी छत्तीसगढ़ी फिल्म गांव के जीरो शहर मा हीरो में रिलीज होने वाली है जिसमें एक बार दर्शकों को गुदगुदाते हुए नजर आएंगे। इसके अलावा लव के हेरा फेरी एवं जवानी जिंदाबाद है में अलग किरदार में नजए आएंगे!
उन्होंने बताया कि कि 1996 से रायपुर के गुरु श्री संजय मैथिल जी की नाट्यशाला से अपने कला यात्रा की शुरूआत करते हुए ईप्टा नाट्य संस्था के साथ जुड़कर कई नाटकों में गीत संगीत और अभिनय की बारीकियों को सिखा। इसके बाद कई लोग मंडली संस्थाओं के साथ लोक कला की बारीकियों को समझा। स्वर्गीय खुमानलाल साव की संस्था चंदैनी गोंदा, मिथलेश साहू, भूपेंद्र साहू की लोक कला संस्था रंग सरोवर में लंबे समय तक लोक कला की साधना की और साथ साथ फिल्मों में अपने भविष्य बनाने के प्रयास में व्यस्त हो गए।
2001 में आई पहली फिल्म
संजय महानंद ने बताया कि 2001 में उनकी पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म आई जिसका नाम बनिहार था जिसमे कॉमेडी किरदार निभाया फिर दूसरी फिल्म भोला छत्तीसगढिय़ा, तीसरी फिल्म झन भूलो मां बाप ला, उसके बाद मैने जिद बना ली की अब तो इसी फील्ड में ही केरियर बनाना है। तोर मया के मारे, फुलकुंवर में अभिनय करने के अलावा छत्तीसगढ़ी एल्बमो में व्यस्त हो गए लेकिन रंगमंच से जुड़ाव फिर भी बना रहा। मुझे सबसे बड़ी प्रसिद्धि तब मिली जब मैंने मया फिल्म में काम किया जिसे सतीश जैन ने निर्देशित किया था और यह फिल्म ब्लॉक बस्टर रही और उस फिल्म में मेरा किरदार जिसका नाम रेमटा था वह घर घर पहुंच गया।
राष्ट्रीय पुरुस्कार विजेता फिल्म फुलन द मेंज भी अभिनय किया
मनोज वर्मा की फिल्म बैर, मिस्टर टेटकू राम, महूँ दीवाना तहू दीवानी, दू लफाडू, महूं कुंवारा तहूँ कुंवारी जैसी सैकड़ों फिल्मों में काम किया जिसमे राष्ट्रीय पुरुस्कार विजेता फिल्म फुलन द मेज भी है। इसके अलावा कई हिंदी फिल्में जैसी चक्रव्यू, आए हम दीवाने है और आगामी हिंदी मूवी 9 फरवरी से जी 5 पर आने वाली है जिसका नाम लंतरानी है जिसमें वह मुख्य भूमिका में हैं। अगले महीने मिसिस फलानी हिंदी वेब सीरीज आयेगी।
संजय महानंद बताते हैं कि उन्होंने अबतक 70 से अधिक भोजपुरी फिल्मों में अभिनय किया है जिसमे सभी बड़ी फिल्मों में आता है निरहुआ हिंदुस्तानी, मेंहदी लगा के रखना, राजा बाबू के अलावा कई सुपर हिट फिल्में शामिल है। उन्होंने ज्यादातर खेसारीलाल यादव, दिनेश लाल यादव, चिंटू पांडे एवं भोजपुरी के सभी बड़े स्तरों के साथ स्क्रीन शेयर किया हूं और अभी उनकी छत्तीसगढ़ व हिन्दी में बनी फिल्म दूल्हा राजा सिनेमाघरों में चल रही है जिसमें उनके द्वारा किए गए कमेडी को लोगों बहुत पसंद कर रहे है।
इसी कड़ी में आगामी 9 फरवरी को ही छत्तीसगढ़ की एक बड़े बजट की फिल्म गांव के जीरो शहर में हीरो भी रिलीज हो रही है, इस फिल्म में भी वे दर्शकों को हसाते हुए नजर आएंगे। इस फिल्म में वे एक सीधा साधा गांव का इंसान का रोल निभा रहे है जिसमें गांव को छोड़कर शहर आ जाता है लेकिन वह अपनी मासूमियत को नहीं खोता है और उसी मासूमियत के चलते उसकी दोस्ती हीरो से होती है और हीरो के प्रोग्रेस में उसका साथी बनता है और कहानी को आगे बढ़ाता है।