सरकार ने संसद को सूचित किया, लगभग 11.48 करोड़ स्थायी खाता संख्याएं अभी भी बायोमेट्रिक पहचान से जुड़ी नहीं
नई दिल्ली
सरकार ने पैन-आधार लिंकिंग में देरी के लिए 600 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सरकार ने संसद को सोमवार को सूचित किया कि लगभग 11.48 करोड़ स्थायी खाता संख्याएं अभी भी बायोमेट्रिक पहचान से जुड़ी नहीं हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि छूट वाली श्रेणियों को छोड़कर, आधार से लिंक नहीं किए गए पैन की संख्या 29 जनवरी, 2024 तक 11.48 करोड़ है।
पैन को आधार से नहीं किया लिंक
दरअसल, 30 जून, 2023 की अंतिम तिथि के बाद अपने पैन और आधार को लिंक नहीं करने वाले व्यक्तियों से 1,000 रुपये की लेट पेनल्टी के माध्यम से सरकार की कमाई के विवरण के संबंध में एक प्रश्न पूछा गया। इसी पर जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि जिन व्यक्तियों ने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया है, उनसे 1 जुलाई 2023 से 31 जनवरी 2024 तक शुल्क का कुल संग्रह 601.97 करोड़ रुपये है।
1 जुलाई को इनएक्टिव हो जाएगा पैन कार्ड
बता दें कि पैन को बायोमेट्रिक आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख 30 जून, 2023 थी। आयकर विभाग ने कहा था कि जो करदाता अपना आधार बताने में विफल रहे हैं उनका पैन 1 जुलाई, 2023 से निष्क्रिय हो जाएगा और ऐसे पैन के खिलाफ कोई रिफंड नहीं किया जाएगा। साथ ही, टीडीएस और टीसीएस उच्च दर पर काटा/संग्रह किया जाएगा। इसके अलावा 1,000 रुपये की विलंब शुल्क का भुगतान करके पैन को दोबारा चालू कराया जा सकता है।