विदेश

जनमत संग्रह में खालिस्तानीयों में चले लात- घूंसे, हुई फायरिंग

 सैन फ्रांसिस्को

खालिस्तान के समर्थक सैन फ्रांसिस्को में भिड़ गए। इसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि गैंग किस तरह से खालिस्तान के नाम पर एक्टिव हैं। 28 जनवरी को सैन फ्रांसिस्को में कथित जनमत संग्रह का आयोजन किया गया। यहां भारत के खिलाफ पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन इसी दौरान खालिस्तान समर्थक गुटों की आपसी लड़ाई सामने आई है। इस झगड़े का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि दो गुटों के समर्थक एक दूसरे पर लात घूसे चला रहे हैं। एक गुट का नेतृत्व मेजर सिंह निज्जर और दूसरे का सरबजीत सिंह 'सबी' की ओर से किया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से मेजर सिंह निज्जर के ग्रुप को किनारे किया जा रहा है। इस कथित जनमत संग्रह में पन्नू भी मौजूद था। विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थकों की ओर से यूके-कनाडा में भी इस कथित जनमतसंग्रह का आयोजन किया गया। शुक्रवार को कनाडा में एक खालिस्तान समर्थक के घर पर फायरिंग की खबर आई थी। यह भी गैंगवार हो सकता है। लेकिन बिना जांच के ही आरोप भारत के खिलाफ मढ़ दिए गए हैं।

आतंकी निज्जर के करीबी के घर फायरिंग
कनाडा पुलिस ने कहा है कि वह साउथ सरे क्षेत्र में एक घर पर रात में हुई गोलीबारी की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि संबंधित घर जून में मारे गए खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर के एक दोस्त का है। कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की खबर के अनुसार, सरे रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने कहा कि उसे बृहस्पतिवार रात 1:20 बजे 154 स्ट्रीट, 2800 ब्लॉक के पास स्थित एक घर पर गोलीबारी की सूचना मिली। ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि संबंधित घर निज्जर के दोस्त सिमरनजीत सिंह का है।

भारत-कनाडा का हुआ था विवाद
खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की जून महीने में सरे में हत्या कर दी गई थी जिससे भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया था। कॉर्पोरल सर्बजीत संघा ने कहा कि अधिकारियों ने क्षेत्र में स्थानीय लोगों से बात की और घटना के बारे में अधिक जानकारी के लिए सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की जा रही है। ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा परिषद के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह ने कहा कि समुदाय के लोगों का मानना है कि निज्जर के साथ सिमरनजीत सिंह का संबंध गोलीबारी का कारण हो सकता है। सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से जून में हुई निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।

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