स्वस्थ-जगत

जानिए ‘सुइसाइड डिजीज’ के दुखद लक्षणों को: इसे सही समय पर पहचानें और रोकें

साल 2011 में फिल्म बॉडीगार्ड की रिलीज से कुछ दिन पहले ही सलमान खान ने अमेरिका में एक सर्जरी करवाई थी। एक्टर ने बाद में खुलासा किया था कि वो ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया नाम की न्यूरोलॉजिकल कंडीशन से पीड़ित थे। जिसके कारण कई सालों से उनके सिर, गाल और जबड़े में तेज दर्द हो रहा था।

यह बीमारी क्रेनियल नर्व्स में सबसे बड़ी ट्राइजेमिनल नर्व्स से पैदा होता है और चेहरे से दिमाग तक दर्द, स्पर्श और टेंप्रेचर सेंसिटिविटी भेजने का काम करता है। ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को अक्सर सबसे गंभीर प्रकार के दर्द में से एक के रूप में जाना जाता है और इसलिए इसे सुसाइड डिजीज भी कहा जाता है।

टीओआई के मुताबिक इस बीमारी की चर्चा फिर से इसलिए हो रही है क्योंकि 85 वर्षीय बी. वीरास्वामी की ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लिए चेन्नई के रेडियल रोड स्थित कावेरी अस्पताल में सर्जरी की गई। बीमारी के गंभीर दर्द के कारण वह बात या अपने दांत ब्रश भी नहीं कर पा रहे थे। इसके अलावा दवा के साइड इफेक्ट की वजह से लगातार आलस महसूस होता था।

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया क्या है?

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक क्रॉनिक पेन डिसऑर्डर है, जिसमें ट्राइजेमिनल नर्व्स के रास्ते चेहरे पर तेज, अचानक और चुभने वाला दर्द होता है। चबाने या चेहरे को छूने पर दर्द ज्यादा तेज और गंभीर हो जाता है। इस बीमारी का सटीक कारण नहीं पता है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह ट्राइजेमिनल नर्व के डैमेज या दबने से होता है।

इसे 'सुसाइड डिजीज' क्यों कहा जाता है?

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को बोलचाल में सुसाइड डिजीज भी कहा जाता है क्योंकि इससे मरीज को बेहद दर्दनाक और असहनीय स्थिति से गुजरना पड़ता है। इसका दर्द सामान्य पेन किलर के काबू से बाहर होता है और इमोशनल लेवल पर भी काफी परेशान करता है।

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लक्षण क्या हैं?

खाने, बात करने या चेहरा छूने पर अचानक, तेज, करंट की तरह चेहरे पर दर्द होना इसका सबसे मुख्य लक्षण है। यह खासतौर से चेहरे के एक तरफ होता है और तेज चुभन होती है। इसका असर गाल, जबड़े और माथे के आसपास होता है। जिसके साथ एंग्जायटी और डर भी महसूस हो सकता है।

ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का इलाज कैसे होता है?

इस बीमारी को मैनेज करने के लिए दर्द को कम करने वाली दवाएं दी जाती हैं, जिसमें एंटीकॉन्वल्सेंट या मसल्स रिलैक्सेंट होते हैं। अगर दवाओं से आराम नहीं मिलता तो फिर सर्जरी की मदद ली जाती है। माइक्रोवैस्कुलर डीकंप्रेशन सर्जरी में ट्राइजेमिनल नर्व पर दबाव कम किया जाता है जबकि गामा नाइफ रेडियोसर्जरी और रेडियोफ्रीक्वेंसी राइज़ोटॉमी से नर्व को टारगेट किया जाता है ताकि दर्द के संकेत कम किए जा सकें।

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