विदेश

चीनी विदेश मंत्री ने कहा- ताइवान मामले से दूर रहे अमेरिका

बीजिंग.

चीन के वरिष्ठ राजनयिक वांग यी ने कहा है कि चीन और अमेरिका को एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और मतभेदों को बढ़ाने के बजाय सामान्य आधार तलाशना चाहिए। यी ने कहा है कि चीन-अमेरिका को एक दूसरे को हनक दिखाने और एक-दूसरे के मूल हितों को कमजोर करने की जगह ईमानदारी से आपसी रिश्ते का सम्मान करना चाहिए।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के पॉलिटिकल ब्यूरो के सदस्य और सीपीसी के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी ने शुक्रवार और शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के साथ वार्ता की है। सैन फ्रांसिस्को में ये बैठक हुई है, जिसके बाद चीनी नेता की ओर से ये बयान आया है। वांग यी ने कहा, अमेरिका को एक-चीन सिद्धांत और चीन-अमेरिका की तीन संयुक्त विज्ञप्तियों का पालन करना चाहिए। अमेरिका को 'ताइवान की स्वतंत्रता' का समर्थन नहीं करने और चीन के शांतिपूर्ण पुनर्मिलन का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता को क्रियान्वित करना चाहिए। इसी तरीके दोनों देशों को रिश्तों में सुधार किया जा सकता है। वांग यी ने वांग ने जेक सुलिवन के साथ बैठक में इस बात पर जोर दिया कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है। ताइवान के चुनाव इस बात को नहीं बदल सकते की ताइवान चीन का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि ताइवान की स्वतंत्रता का मुद्दा चीन और अमेरिका संबंधों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

अमेरिका ने कहा- तनाव बढ़ने से रोकने की जरूरत
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सैन फ्रांसिस्को बैठक में चीन-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों को ठीक से संभालने पर स्पष्ट और उपयोगी रणनीतिक वार्ता हुई। दूसरी और व्हाइट हाउस ने कहा है कि अधिकारियों के बीच बैठक दोनों देशों के बीच वार्ता की खुली लाइनें बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा थी। सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और चीन में प्रतिस्पर्धा होने के बावजूद दोनों देशों को इसे संघर्ष या टकराव में बदलने से रोकने की जरूरत है।

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